Jul 3, 2017

सावन के झूले १-जुर्माना १९७९

हृषिकेश मुखर्जी ने मानवीय संबंधों की पेचीदगियों
पर कुछ फ़िल्में बनाईं जिनमें बेमिसाल और जुर्माना
प्रमुख हैं. इन दोनों फिल्मों के गीत और संगीत
उत्तम कोटि के हैं. इन फिल्मों की कहानी सिनेमा हॉल
में कम और समीक्षकों की समीक्षाओं में ज्यादा जल्दी
समझ आती हैं.

आज सुनते हैं फिल्म जुर्माना से एक गीत जो दो
संस्करण में फिल्म में उपलब्ध है. दोनों ही गाये हैं
लता मंगेशकर ने. आनंद बक्षी के लिखे सबसे बढ़िया
गीतों में से आप इन्हें मान सकते हैं. दोनों गीत
मिला लो और एक पूरी कहानी  बन जाती है. ऐसे
गीत कभी कभी लगता है फिल्म के कथानक से
ज्यादा वजनी हैं. 



गीत के बोल:

सावन के झूले पड़े तुम चले आओ
तुम चले आओ तुम चले आओ

आँचल न छोड़े मेरा पागल हुई है पवन
आँचल न छोड़े मेरा पागल हुई है पवन
अब क्या करूं मैं जतन
धड़के जिया जैसे पंछी उड़े

सावन के झूले पड़े तुम चले आओ
तुम चले आओ तुम चले आओ

दिल ने पुकारा तुम्हें यादों के परदेस से
दिल ने पुकारा तुम्हें यादों के परदेस से
आती है जो देख के
हम उस डगर पे हैं कबसे खड़े

सावन के झूले पड़े तुम चले आओ
तुम चले आओ तुम चले आओ
…………………………………………………..
Sawan ke jhoole pade hain-Jurmana 1979

Artists: Rakhi, Amitabh Bachchan

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