Aug 13, 2017

पहले मिले थे सपनों में-जिंदगी १९६४

सुनते हैं सन ६४ की फिल्म जिंदगी से रफ़ी का गाया हुआ एक
रोमांटिक गीत. हसरत जयपुरी की रचना है और शंकर जयकिशन
का संगीत.

सांवली हसीनाओं पर कम गीत हैं फिल्म संगीत के खजाने में.
दुनिया में गोरी हसीनाओं का बोलबाला रहा है, है और आगे भी
रहेगा. अजीब दस्तूर है, मगर दर्शक भी गोरी सुंदरियों को ही
देखना पसंद करते हैं. फिल्म लाइन में सांवली नायिकाओं को
भी मेकअप के ज़रिये गोरा बना के प्रस्तुत किया जाता है.



   
गीत के बोल:

पहले मिले थे सपनों में और आज सामने पाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ
पहले मिले थे सपनों में और आज सामने पाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ
तुम संग जीवन ऐसे कटेगा जैसे धूप संग छाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ

ऐ साँवली हसीना दिल मेरा तूने छीना
मदहोश मंज़िलों पर तूने सिखाया जीना
ऐ साँवली हसीना दिल मेरा तूने छीना
मदहोश मंज़िलों पर तूने सिखाया जीना
एक झलक से मेरा मुक़द्दर तूने आज चमकाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ

पहले मिले थे सपनों में और आज सामने पाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ

ज़ुल्फ़ें जो मुँह पे डालो तो दिन में शाम कर दो
और बेनक़ाब निकलो तो कत्ले आम कर दो
ज़ुल्फ़ें जो मुँह पे डालो तो दिन में शाम कर दो
और बेनक़ाब निकलो तो कत्ले आम कर दो
वो ही बचेगा जिसको मिलेगा तेरे प्यार का साया
हाय क़ुर्बान जाऊँ

पहले मिले थे सपनों में और आज सामने पाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ

गर झूम के चलो तुम ओ जाने जिंदगानी
पत्थर का भी कलेजा हो जाए पानी पानी
गर झूम के चलो तुम ओ जाने जिंदगानी
पत्थर का भी कलेजा हो जाए पानी पानी
गोरे बदन पर काला आँचल और रंग ले आया
हाय क़ुर्बान जाऊँ

पहले मिले थे सपनों में और आज सामने पाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ
तुम संग जीवन ऐसे कटेगा जैसे धूप संग छाया
हाय क़ुर्बान जाऊँ
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Pehle mile the sapnon mein-Zindagi 1964

Artists: Rajendra Kumar, Vaijayantimala

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