एक हसीन शाम को-दुल्हन एक रात की १९६६
गाना सुनते हैं. नायिका प्रधान इस फिल्म में नूतन का अभिनय सभी
कलाकारों पर भारी पड़ा है.
नैसर्गिक प्रतिभा की धनी नूतन ने भारतीय नारी की छबि और गरिमा
को बनाये रखने में अपना अमूल्य योगदान दिया है. ये फिल्म एक आम
तौर पर ना छुए जाने वाले विषय पर बनी है. अपने समय से थोडा आगे
की ये फिल्म मधुर गीतों से लबालब है. कुछ तो आप सुन चुके हैं अब
एक और सुनते हैं आज.
रफ़ी के ज्यादातर लोकप्रिय रोमांटिक गीत हसरत के लिखे हुए हैं मगर
इस गेट को लिखा है राजा मेहँदी अली खान ने. संगीतकार हैं मदन मोहन.
दशक बदलते बदलते रोमांस की स्पीड भी बढ़ी. ४० के दशक में ये
बैलगाडी की गति से हुआ, ५० के दशक में ये साईकिल पर सवार हुआ,
६० के दशक में ये स्कूटर पर सवार हुआ, ७० के दशक में ये कार पर
आया, ८० का दशक हेलिकॉप्टर की गति वाला था, ९० का दशक रेसिंग
कर वाला और २००० के बाद वाला समय हवाई जहाज़ की गति वाला
है.
गीत के बोल:
एक हसीन शाम को दिल मेरा खो गया
एक हसीन शाम को दिल मेरा खो गया
पहले अपना हुआ करता था अब किसी का हो गया
एक हसीन शाम को दिल मेरा खो गया
मुद्दतो से आरजू थी जिन्दगी में कोई आये
सूनी सूनी जिन्दगी में कोई शमा झिलमिलाए
वो जो आए तो रोशन ज़माना हो गया
एक हसीन शाम को दिल मेरा खो गया
मेरे दिल के कारवां को ले चला है आज कोई
शबनमी सी जिसकी आँखे थोड़ी जागी थोड़ी सोई
उनको देखा तो मौसम सुहाना हो गया
एक हसीन शाम को दिल मेरा खो गया
एक हसीन शाम को दिल मेरा खो गया
पहले अपना हुआ करता था अब किसी का हो गया
एक हसीन शाम को दिल मेरा खो गया
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Ek haseen shaam ko-Dulhan ek raat ki 1966
Artist: Dharmendra, Nutan
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