पी ले राजा नारियल पानी-रोटी की कीमत १९९०
देश में पपीते उगते हैं और कहाँ ऊदबिलाव पाया जाता है ये बतलाने
में फिल्मों का बहुत बड़ा योगदान है.
सबसे ज्यादा सीखती है युवा पीढ़ी जिसे नए नए चरित्रों के उल्लेख
और शर्म का सार निकालने वाले संवाद सीखने को मिलते हैं. ये क्रिया
अनवरत जारी है दशकों से. ‘भेजा फ्राई’ और ‘दिमाग का दही’ जैसे
क्रिएटिव किस्म के शब्दों का प्रसार फिल्मों के माध्यम से कितना
सुलभ हो गया. बच्चा बच्चा इन शब्दों का जानकार हो गया है.
फिल्मों में आपने नायिका को नारियल पानी बेचते किसी फिल्म में
देखा है? एक तो है सन १९७२ की फिल्म अपना देश जिसमें नायिका
मुमताज़ नारियल पानी बेचती नज़र आती हैं. जो कुछ उस गीत में
वर्णन करना रह गया था वो सन १९९० की फिल्म रोटी की कीमत
के इस गीत में आपको मिल जायेगा जो आज आप सुनेंगे. इसमें
किमी काटकर नारियल पानी बेच रही हैं. इन्दीवर का गीत है और
बप्पी लहरी का संगीत. कविता कृष्णमूर्ति ने इसे गाया है.
गीत के बोल:
ले ले बाबू
हो ले ले बाबू ये नारियल पानी
हो पी ले राजा ये नारियल पानी
सारी जिंदगी ना जायेगी तेरी जवानी
हो ले ले बाबू ये नारियल पानी
हो पी ले राजा ये नारियल पानी
सारी जिंदगी ना जायेगी तेरी जवानी
हो ले ले बाबू ये नारियल पानी
हो पीले राजा ये नारियल पानी
शोला भी हूँ बिजली भी हूँ चाहूँ तो आग लगा दूं
रस की भरी इक बदली भी हूँ चाहूँ तो प्यास बुझा दूं
शोला भी हूँ बिजली भी हूँ चाहूँ तो आग लगा दूं
रस की भरी इक बदली भी हूँ चाहूँ तो प्यास बुझा दूं
किसी कुए में किसी नदी में नहीं हैं ऐसा पानी
हो ले ले बाबू ये नारियल पानी
हो पी ले राजा ये नारियल पानी
सारी जिंदगी ना जायेगी तेरी जवानी
हो ले ले बाबू ये नारियल पानी
हो पी ले राजा ये नारियल पानी
नारियल हूँ ऊपर से कड़क हूँ कोमल अंदर अंदर
तीखे तीखे बोल मगर दिल चाहत का हैं समंदर
नारियल हूँ ऊपर से कड़क हूँ कोमल अंदर अंदर
तीखे तीखे बोल मगर दिल चाहत का हैं समंदर
अरे डूब के देखा ज़रा इस मिल जाए नई ज़िंदगानी
हो ले ले बाबू ये नारियल पानी
हो पी ले राजा ये नारियल पानी
सारी जिंदगी ना जायेगी तेरी जवानी
हो ले ले बाबू ये नारियल पानी
हो पी ले राजा ये नारियल पानी
हो पी ले मेरा ये नारियल
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Le le babu nariyal pani-Roti ki keemat 1990
Artists: Mithun, Kimi Katkar

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