Oct 11, 2017

मैं शायर तो नहीं-बॉबी १९७३

ज़रूरत और आड़ा वक्त इंसान को बहुत कुछ सिखा देता है.
जैसा कोई धोबी न हो तो भी शादी के बाद वो कपडे धोना
सीख ही जाता है और कम से कम अपने चड्डी बनियान तो
धो ही लेता है कभी कभार.

फिल्म का हीरो इमानदारी से बतला रहा है उसे शायरी कैसे
आई. गीत सुनते हैं बॉबी फिल्म से जिसे आनंद बक्षी ने
लिखा है. इसे लक्ष्मी प्यारे के संगीत निर्देशन में गाया है
उस समय के नवोदित गायक शैलेन्द्र सिंह ने.



गीत के बोल:

मैं शायर तो नहीं
मगर ऐ हंसीं
जबसे देखा  मैंने तुझको  मुझको
शायरी  आ गई

मै आशिक़ तो नहीं
मगर ऐ हसीं
जबसे देखा  मैंने तुझको  मुझको
आशिक़ी  आ गई

प्यार का नाम मैंने सुना था मगर
प्यार क्या है ये मुझको नहीं थी खबर
मैं तो उलझा रहा उलझनों की तरह
दोस्तों में रहा दुश्मनों की तरह
मैं दुश्मन तो नहीं
मगर ऐ हंसीं
जब से देखा  मैंने तुझको  मुझको
दोस्ती आ गई

सोचता हूँ अगर मैं दुआ माँगता
हाथ अपने उठा कर मैं क्या माँगता
जब से तुझसे मुहब्बत मैं करने लगा
तब से ऐसे इबादत मैं करने लगा
मैं क़ाफ़िर तो नहीं
मगर ऐ हंसीं
जब से देखा  मैं ने तुझको  मुझको
बंदगी आ गई
……………………………………………..
Main shayar to nahin-Bobby 1973

Artists: Rishi Kapoor, Dimple Kapadia

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