Nov 1, 2017

चाहे पास हो चाहे दूर हो-सम्राट चंद्रगुप्त १९५८

संगीतकार द्वय कल्याणजी आनंदजी की जोड़ी में से सबसे पहले
संगीत देना शुरू किया था कल्याणजी भाई ने. कुछ फिल्मों तक
ये सिलसिला चला फिर छोटे भाई आनंदजी भी शामिल हो गए
और जोड़ी बन गई.

फिल्म सम्राट चंद्रगुप्त में संगीतकार कल्याणजी वीरजी शाह का
नाम है. प्रस्तुत गीत भरत व्यास रचित है और इसे लता संग
रफ़ी ने गाया है. काफी लोकप्रिय गीत है ये. ५८ की इस फिल्म
में भारत भूषण और निरुपा रॉय प्रमुख कलाकार हैं.




गीत के बोल:

चाहे पास हो चाहे दूर हो
मेरे सपनों की तुम तस्वीर हो
चाहे पास हो चाहे दूर हो
मेरे सपनों की तुम तस्वीर हो

ओ परदेसी भूल न जाना
हमने किया तुझे दिल नज़राना
दिल ये हमारा तूने न जाना
सीखा है हमने भी वादा निभाना
वादा निभाना

चाहे पास हो चाहे दूर हो
मेरे सपनों की तुम तस्वीर हो

जब तक चमके चाँद सितारे
हम हैं तुम्हारे तुम हो हमारे
सागर की ये लहरें पुकारे
मिल के रहेंगे दोनों किनारे
दोनों किनारे
चाहे पास हो चाहे फेल हो
मेरे सपनों की तुम तस्वीर हो
……………………………………………….
Chahe paas ho chahe door-Samrat Chandragupt

Artists: Bharat Bhushan, Nirupa Roy

4 comments:

कविता रावत November 21, 2017 at 4:47 PM  

सच दिल के करीब होते थे पहले के गाने

Geetsangeet November 29, 2017 at 7:28 PM  

इन्हें सुनकर कभी बोरियत महसूस नहीं होती.

चांदनी सूरी,  March 31, 2020 at 1:52 AM  

इस फिल्म के बाकी गानों का क्या हुआ ?

Geetsangeet April 5, 2020 at 10:54 PM  

ज़ल्द सुनेंगे आप लोग.

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