हाल-ए-दिल उनको सुनाना था-फ़रियाद १९६४
फ़रियाद से. सन १९६४ की केदार शर्मा द्वारा निर्मित इस फिल्म
का ये सबसे मधुर गीत है शायद, मेरे ख्याल से. इस फिल्म में
बहुत ज्यादा चीज़ें याद करने लायक नहीं हैं, इसलिए शायद
जनता ने इस फिल्म को जल्दी भुला दिया. केदार शर्मा काफी
बड़े फिल्मकार थे अतः उनकी फिल्मों को आप आसानी से ख़ारिज
नहीं कर सकते. फिल्म के कलाकारों को एक्टिंग भले ही ना के
बराबर आती हो, बाकी के फ़िल्मी पहलू लगभग बढ़िया हैं.
इस गीत को केदार शर्मा ने लिखा है और स्नेहल भाटकर ने धुन
तैयार की. सुमन कल्याणपुर गायिका हैं और ये उनके कुछ चर्चित
गीतों में से एक है.
गीत के बोल:
हाल-ए-दिल उनको सुनाना था
हाल-ए-दिल उनको सुनाना था
सुनाया ना गया सुनाया ना गया
जो ज़ुबाँ पर मुझे लाना था
जो ज़ुबाँ पर मुझे लाना था
वो लाया ना गया वो लाया ना गया
हाल-ए-दिल उनको
प्यार में सीने पे सर रख के तो दिल क़दमों पर
प्यार में सीने पे सर रख के तो दिल क़दमों पर
आप को अपना बनाना था
आप को अपना बनाना था
बनाया ना गया बनाया ना गया
हाल-ए-दिल उनको
खेलती आँख मिचोली रही नज़रें अपनी
खेलती आँख मिचोली रही नज़रें अपनी
जिनको पलकों में छुपाना था
जिनको पलकों में छुपाना था
छुपाया ना गया छुपाया ना गया
हाल-ए-दिल उनको
एक ही वार में हाथों से जिगर छीन लिया
एक ही वार में हाथों से जिगर छीन लिया
हाय जिस दिल को बचाना था
हाय जिस दिल को बचाना था
बचाया ना गया बचाया ना गया
हाल-ए-दिल उनको सुनाना था
सुनाया ना गया सुनाया ना गया
हाल-ए-दिल उनको
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Haal-e-dil unko sunana tha-Fariyaad 1964
Artists: Zeb Rehman
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