कभी तनहाइयों में-हमारी याद आएगी १९६१
और सुनते हैं आज. इसे केदार शर्मा ने फिल्म हमारी याद आएगी
के लिए लिखा. संगीत है स्नेहल भाटकर का.
तनूजा बतौर नायिका तो फिल्म छबीली में नूतन के साथ दिखाई
दीं थीं मगर वो सहायक अभिनेत्री से पूर्ण अभिनेत्री इसी फिल्म में
बनीं-हमारी याद आएगी. नायक को आप पहचान ही गए होंगे. ये
हैं अशोक शर्मा सुपुत्र केदार शर्मा.
ये वही फिल्म है जिसकी शूटिंग के दौरान केदार शर्मा ने तनूजा
को थप्पड़ रसीद किया था. इसकी कहानी फिर कभी.
गीत के बोल:
कभी तनहाइयों में यूँ हमारी याद आएगी
कभी तनहाइयों में यूँ हमारी याद आएगी
अंधेरे छा रहे होंगे के बिजली कौंध जाएगी
अंधेरे छा रहे होंगे
ये बिजली राख कर जायेगी तेरे प्यार की दुनिया
ये बिजली राख कर जायेगी तेरे प्यार की दुनिया
ना फिर तू जी सकेगा और ना तुझको मौत आएगी
कभी तनहाइयों में यूँ हमारी याद आएगी
अंधेरे छा रहे होंगे के बिजली कौंध जाएगी
कभी तनहाइयों में यूँ
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Kabhi tanhaiyon mein yun-Hamari yaad aayegi 1961
Artists: Tanuja, Ashok Sharma
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