तुम्हें मोहब्बत है हमसे-एक मुसाफिर एक हसीना १९६२
हाँ कोई वकील या कानूनी व्यक्ति प्यार करे तो शायद सबूत की
बात आये.
ये तो कोई बात नहीं हुई किसी को गट्टे की सब्जी पसंद हो और
उसके प्रेमी या प्रेमिका को भी गट्टे की सब्जी पसंद आना शुरू हो
जाए गोया कि वो प्यार का सबूत बन जाए. एक प्रेमी को खमण
पसंद था और उसकी प्रेमिका को ऊंधीयुं लेकिन दोनों के बीच
प्यार बहुत था. अब दोनों मियां बीवी हैं. प्यार के २-३ फूल भी
खिल चुके हैं जिनमें से एक तो गोभी के फूल सरीखा नज़र आता
है.
सुनते हैं फिल्म एक मुसाफिर एक हसीना से रफ़ी और आशा का
गाआया युगल गीत एस एच बिहारी का लिखा हुआ. इसका संगीत
ओ पी नैयर ने तैयार किया है.
गीत के बोल:
तुम्हें मोहब्बत है हमसे माना बताओ इसका सबूत क्या है
तुम्हें मोहब्बत है हमसे माना बताओ इसका सबूत क्या है
ये हाथ सीने पे रख के देखो न पूछो इसका सबूत क्या है
तुम्हें मोहब्बत है हमसे माना
ये दिल की धड़कन ये सर्द आहें यही शिक़ायत है हर किसी को
ये दिल की धड़कन ये सर्द आहें यही शिक़ायत है हर किसी को
किसी हसीना को जब से देखा तो प्यार करने लगे उसी से
नई भला इसमें बात क्या है के ये फ़साना बहुत सुना है
ये हाथ सीने पे रख के देखो न पूछो इसका सबूत क्या है
तुम्हें मोहब्बत है हमसे माना
जो आग सीने में है हमारे तुम्हारे होती तो जान लेते
जो आग सीने में है हमारे तुम्हारे होती तो जान लेते
बग़ैर कोई सबूत माँगे हमारी चाहत को मान लेते
तुम्हारी आँखों में काश होता हमारी आँखों में जो नशा है
हमारी आँखों में जो नशा है
यही नशा जो रहे हमेशा तो हम भी चाहत का जाम पी लें
यही नशा जो रहे हमेशा तो हम भी चाहत का जाम पी लें
ये दौर-ए-साग़र यूँ ही चलेगा तो ले के साक़ी का नाम पी लें
मगर ये हम पर क़रम की नज़रें बदल न जाएँगी क्या पता है
ये हाथ सीने पे रख के देखो न पूछो इसका सबूत क्या है
तुम्हें मोहब्बत है हमसे माना
हमें तो साक़ी से वास्ता है सुराही बदले या जाम बदले
हमें तो साक़ी से वास्ता है सुराही बदले या जाम बदले
तेरे दीवाने कभी न बदलेंगे चाहे सारा निज़ाम बदले
तेरे ही क़दमों में जान देंगे ये दिल तुझे जब के दे दिया है
तुम्हें मोहब्बत है हमसे माना
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Tumhen mohabbat hau hamse-Ek musafir ek haseena 1962
Artists: Joy Mukherji, Sadhana
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