Dec 31, 2017

अदाएं भी हैं मुहब्बत भी है-दिल है कि मानता नहीं १९९१

सन १९५६ की चोरी चोरी और सन १९९१ की फिल्म जिसका गीत
आज आप सुनेंगे का कथानक एक जैसा है. दोनों फ़िल्में एक अंग्रेजी
फिल्म के कथानक से प्रेरित हैं. चोरी चोरी में सबका अभिनय अपने
अपने उत्कर्ष पर था. फिल्म में दो हास्य कलाकार हैं अपने ज़माने
के-गोप और भगवान. हास्य अभिनय का काम भगवान के हिस्से
आया है.

दिल है कि मानता नहीं में लड़की के बाप का रोल अनुपम खेर ने
किया है और ये किरदार कुछ ओवर-एक्टिंग का शिकार सरीखा दिखता
है. उस समय की फिल्मों में अधिकाँश में अनुपम खेर ऐसी ही आवाजें
निकाला करते थे जैसी इस फिल्म में उन्होंने निकाली हैं. फिल्म के
नायक ने तो थोड़ी बहुत एक्टिंग की है बाकी नायिका ने अभिनय की
ईमानदार असफल कोशिश करी है.

गीत सुनते हैं जो समीर का लिखा हुआ है और जिसे संगीतबद्ध किया
है नदीम श्रवण ने. इसे अलका याग्निक और




गीत के बोल:

अदाएं भी हैं मुहब्बत भी है
शराफ़त भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन वो ज़ालिम अदा
शराफ़त भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन वो मासूमियत
शरारत भी है मेरे महबूब में
अदाएं भी हैं मुहब्बत भी है
नज़ाकत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन वो ज़ालिम अदा
शरारत भी है मेरे महबूब में

न पूछो मेरा दिल कहां खो गया
तुझे देखते ही तेरा हो गया
आँखों में तू है मेरे ख़्वाबों में तू है
यादों के महके गुलाबों में तू है
वो सहमी नज़र वो कमसिन नज़र
चाहत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन वो मासूमियत
शरारत भी है मेरे महबूब में

साँसों की बहकी लहर रुक गई
मुझे शर्म आई नज़र झुक गई
के हम उनके कितने करीब आ गए
ये शोच के हम तो घबरा गए
वो बाँकपन वो दीवानगी
इनायत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन वो ज़ालिम अदा
शरारत भी है मेरे महबूब में

मुहब्बत की दुनिया बसाने चला
मैं तेरे लिए सब भुलाने चला
खुशबू कोई उसकी बातों में है
हर फ़ैसला उसके हाथों में है
वो महका बदन वो सर्मीलापन
नज़ाकत भी है मेरे महबूब में
वो दीवानापन वो ज़ालिम अदा
शराफ़त भी है मेरे महबूब में

अदाएं भी हैं मुहब्बत भी है
नज़ाकत भी है मेरे महबूब में
…………………………………………………….
Adayen bhi hain-DIl hai ki manta nahin 1991

Artists: Aamir Khan, Pooja Bhatt

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