Dec 4, 2017

ऐ धनवालों मर गए भूखे-दो चट्टानें १९७४

महंगाई और जमाखोरी पर समय समय पर कटाक्ष होते रहे हैं
फिल्मों के ज़रिये.

प्रस्तुत गीत लिखा है एम जी हशमत ने और इसकी धुन बनाई है
सोनिक ओमी की जोड़ी ने. इसे आशा भोंसले और मीनू पुरुषोत्तम
ने गाया है.

यो यो शब्द हमने पहले से सुन रखे है गीतों में. आजकल के
एक गायक के नाम के आगे भी यही शब्द लगते हैं.



गीत के बोल:

आटा नहीं चावल नहीं
घी नहीं शक्कर नहीं
आटा नहीं चावल नहीं
घी नहीं शक्कर नहीं
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो

ऐ धनवालों मर गए भूखे
ऐ धनवालों मर गए भूखे
अपने देश के बंदे
इनके पेट के दुश्मन बन गए काले धन के धंधे
छोड़ ये काला धंधा अरे तू बन जा बंदा
इनके पेट के दुश्मन बन गए काले धन के धंधे
छोड़ ये काला धंधा अरे तू बन जा बंदा

हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो
हाय हाय यो यो

काले धन से तू धनवान
अंदर भरे हुए गोदाम
दिल में है तेरे शैतान
बन के बैठा है भगवान
डरता भी सरकार तेरे को कर डालेगी नंगा
छोड़ ये काला धंधा अरे तू बन जा बंदा
छोड़ ये काला धंधा अरे तू बन जा बंदा

ऐ धनवालों मर गए भूखे

चावल में पत्थर का है चूरा
चाय में लकड़ी का है बूरा
गेहिन में घुन माटी कूड़ा
जल्दी जीवन हो जाए पूरा
जनता के जीवन से खेले आँखों वाला अंधा

छोड़ ये काला धंधा अरे तू बन जा बंदा
छोड़ ये काला धंधा अरे तू बन जा बंदा

ऐ धनवालों मर गए भूखे
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Ae dhanwalon mar gaye bhookhe-Do chattane 1974

Artists-Asha Sachdev, Omprakash, Aruna Irani

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