आज दिल पे कोई ज़ोर-मिलन १९६७
हुए थे. फिल्म में मुकेश और लता के गाये गीत हैं. फिल्म
में सुनील दत्त, नूतन और जमुना प्रमुख कलाकार हैं.
आज आनंद बक्षी का लिखा, लता मंगेशकर का गाया एक गीत
सुनते हैं जिसके संगीतकार हैं लक्ष्मीकांत प्यारेलाल.
प्रसाद प्रोडक्शंस बैनर तले बनी इस फिल्म की कहानी उनकी
बाकी पारिवारिक फिल्मों से थोड़ी अलग है. शारदा, छोटी बहन,
हमराही, बेटी बेटे, हमराही जैसी फ़िल्में बनाने वाली इस कंपनी
की फिल्मों में सुनील दत्त बेटी बेटे और मिलन फिल्मों में
दिखाई दिए. जमुना को आपने हमराही में भी देखा होगा.
गीत के बोल:
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
रोज़ ही की तरह आज भी दर्द था
हम छुपाने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े
और अब क्या कहें क्या हुआ है हमें
तुम तो हो बेखबर हम भी अनजान हैं
बस यही जान लो तो बहुत हो गया
हम भी रखते हैं दिल हम भी इन्सान हैं
मुस्कुराते हुए हम बहाना कोई
फ़िर बनाने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े
हैं सितारे कहाँ इतने आकाश पर
हर किसी को अगर इक सितारा मिले
कश्तियों के लिये ये भंवर भी तो हैं
क्या ज़रूरी है सबको को किनारा मिले
बस यही सोच कर हम बढ़े चैन से
डूब जाने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े
उम्र भर काश हम यूं ही रोते रहें
आज क्यूं के हमें ये हुई है खबर
मुस्कुराहट की तो कोई कीमत नहीं
आँसुओं से हुई है हमारी कदर
बादलों की तरह हम तो बरसे बिना
लौट जाने लगे थे मगर रो पड़े
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं
मुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े
मगर रो पड़े
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Aaj dil pe koi zor chalta nahin-Milan 1967
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