ऐ मस्त हवा ये तो बतला-तुम्हारी कसम १९७८
है आनंद बक्षी ने. इसे लता मंगेशकर ने गाया है.
फिल्म कुंवारा बाप से शुरू हुआ राजेश रोशन का सफर बिना लता
के गीतों के उल्लेख के अधूरा ही रहेगा. जूली का गीत ये रातें,
देस परदेस का गीत-आप कहें और हम ना आयें, दिल्लगी का
गीत-मैं कौन सा गीत सुनाऊं, आप सुन लीजिए आपको लगेगा
एक ही ढाँचे पर तैयार किये गए हों.
गीत के बोल:
ऐ मस्त हवा ये तो बतला
किस वक्त यहाँ क्या बात हुई
मैं क्या जानूं मैं क्या समझूं
दिन डूबा कब रात हुई
ऐ मस्त हवा ये तो बतला
बेदर्द ज़माने ने दिल में
ये दर्द ना छोड़ दिया होता
उस ज्योत बुझाने वाले ने
दीपक भी तोड़ दिया होता
जीना मुश्किल मरना मुश्किल
वो घात हमारे साथ हुई
ऐ मस्त हवा ये तो बतला
मालूम नहीं कब रुत बदली
कब फूल खिले कब मुरझाए
सीने में जब जब आग लगी
मैंने समझा बादल छाये
आँखों से आंसू बरसे तो
हमने जाना बरसात हुई
ऐ मस्त हवा ये तो बतला
किस वक्त यहाँ क्या बात हुई
मैं क्या जानूं मैं क्या समझूं
दिन डूबा कब रात हुई
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Ae mast hawa-Tumhari kasam 1978
Artists: Jeetendra, Mausami Chatterji
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