मतवाली मतवाली मतवाली-विद्यापति १९३७
आये हैं. आज आपको सुनवा रहे हैं सन १९३७ की फिल्म विद्यापति से
एक गीत. इसे कानन बाला और धूमि खान ने गाया है. कानन बाला
अपनी स्पष्ट आवाज़ के लिए जानी जाती थीं. आज भी उनके मुरीद उनके
गीत बेहद चाव के साथ सुना करते हैं. हाँ, ये बात और है कि ये मुरीद
अधिकांश सफ़ेद बालों वाले हैं. इक्का दुक्का आपको मिल जायेंगे ३०-४०
वर्ष की आयु के नवयुवक जो विभिन्न संगीत गोष्ठियों और संगीत प्रेमियों
की महफ़िल में घुसने के लिए इस प्रकार के गीत सुनने का दावा करते हैं
और वास्तव में ९० के दशक का संगीत सुना करते हैं.
ये एक विडम्बना है कि जूने पुराने संगीत पर जो कुछ भी चर्चा होती है
नेट पर वो अंग्रेजी भाषा में होती है. हम अभी तक अंग्रेजों के मानसिक
गुलाम ही हैं. चर्चा करने वालों में कईयों को शर्म आती है हिंदी में लिखने
में. उन्हें लगता है हिंदी भाषा में उनकी भावनाएं व्यक्त करने वाले शब्द
मौजूद नहीं हैं या बात में १० किलो के भाटे वाला वजन नहीं आएगा. ये
कुछ कुछ ऐसा है जैसे हिंदी में खाना खा कर अंग्रेजी में डकार मारना.
इसे केदार शर्मा ने लिखा और आर सी बोराल ने संगीतबद्ध किया.
गीत के बोल:
अम्बुवा की डाली डाली झूम रही है आली
अम्बुवा की डाली डाली झूम रही है आली
मैं पी कर मद की प्याली यूँ चाल चलूँ मतवाली
मैं पी कर मद की प्याली यूँ चाल चलूँ मतवाली
अम्बुवा की डाली डाली झूम रही है आली
अम्बुवा की डाली डाली झूम रही है आली
मतवाली मतवाली मतवाली
मतवाली मतवाली मतवाली
मैं चाल चलूँ मतवाली
मैं चाल चलूँ मतवाली
डर डर डर डर डर डर डा
डर डर डर डर डर डर डा
मोरे अंगना में आये आली आली
मैं चाल चलूँ मतवाली
झूम रही है आली
अम्बुवा की डाली
झूम रही है आली
अम्बुवा की डाली
अम्बुवा की डाली डाली झूम रही है आली
अम्बुवा की डाली डाली झूम रही है आली
मतवाली मतवाली मतवाली
मतवाली मतवाली मतवाली
मैं चाल चलूँ मतवाली
मैं चाल चलूँ मतवाली
मोरे अंगना में आये आली आली
मैं चाल चलूँ मतवाली
झूम रही है आली
अम्बुवा की डाली
झूम रही है आली
अम्बुवा की डाली
अम्बुवा की डाली डाली झूम रही है आली
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Ambuwa ki dali….matwali-Vidyapati 1937
2 comments:
धन्यवाद
स्वागत है आपका.
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