दिल लगा कर हम ये समझे-जिंदगी और मौत १९६५
प्रदीप कुमार और फरयाल पर फिल्माया गया एक गीत.
नायिका फरयाल का अधिकतम समय बॉलीवुड की फिल्मों
में सहायक भूमिकाएं निभाते ही बीता. इस फिल्म में वे
हीरोईन हैं. गीत जंगल में फिल्माया गया सा प्रतीत होता
है अतः इसे हम जंगल-रोमांस हिट कह सकते हैं.
गीत लिखा है शकील बदायूनीं ने और इसे महेंद्र कपूर ने
गाया है सी रामचंद्र की धुन पर. शकील बदायूनीं के गीत
और सी रामचंद्र का संगीत कुछ रेयर कोम्बिनेशन की श्रेणी
में आता है.
गीत के बोल:
दिल लगा कर हम ये समझे जिंदगी क्या चीज़ है
दिल लगा कर हम ये समझे जिंदगी क्या चीज़ है
इश्क कहते हैं किसे और आशिकी क्या चीज़ है
दिल लगा कर हम ये समझे
हाय ये रुखसार के शोले ये बाहें मरमरी
हाय ये रुखसार के शोले ये बाहें मरमरी
आपसे मिल कर ये दो बातें समझ में आ गयीं
धूप किसका नाम है और चांदनी क्या चीज़ है
दिल लगा कर हम ये समझे
आपकी शोखी ने क्या क्या रूप दिखलाये हमें
आपकी शोखी ने क्या क्या रूप दिखलाये हमें
आपकी आँखों ने क्या क्या जाम पिलवाए हमें
होश खो बैठे तो जाना बेखुदी क्या चीज़ है
दिल लगा कर हम ये समझे
आपकी राहों में जबसे हमने रखा है कदम
आपकी राहों में जबसे हमने रखा है कदम
खम तो ये महसूस होता है कि मंजिल पे हैं हम
कोई क्या जाने मोहब्बत की खुशी क्या चीज़ है
दिल लगा कर हम ये समझे जिंदगी क्या चीज़ है
दिल लगा कर हम ये समझे
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Dil laga kar ham ye samjhe-Zindagi aur maut 1965
Artists: Pradeep Kumar, Faryal
2 comments:
Lovely song
लंबे समय बाद दिखलाई दिए, कहाँ थे आप ?
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