ओ बाबू ओ मेमसाब क्या रखा १-तलाक १९५८
आता है. आये दिन नोक-झोंक और चों-चों भों-भों सुनाई देती
रहती है घरों में. ये घुर घुर की कहानी घर घर की कहानी
है.
सुनते हैं हास्य रस वाला एक गीत मन्ना डे और आशा भोंसले
का गाया हुआ फिल्म तलाक से. राजेंद्र कुमार और कामिनी कदम
फिल्म के नायक और नायिका हैं. उनके अलावा गीत में कौन
कौन दिखाई दे रहे हैं इस फ्री के ब्लॉग पर बतला पाना संभव
नहीं है. उसके लिये हमारी प्रीमियम मेम्बरशिप लीजिए अर्थात
सार्थक कमेन्ट करिये कमेन्ट बॉक्स में. इस गीत के गीतकार हैं
प्रदीप.
गीत के बोल:
ओ बाबू साब ओ मेम साब
क्या रखा इस तक़रार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के
बड़ा मज़ा है प्यार में
अरे रूठो न सिस्टर मन जाओ मिस्टर
मिल के रहो सनसार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के
बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब
अच्छी नहीं है आपस की अनबन
सुनो सुनो श्रीमान जी
हाँ सुनो सुनो श्रीमान जी
लड़ना तो मैडम है इक लड़कपन
इसमें बड़ा नुकसान जी
हाँ सुनो सुनो श्रीमान जी
क्यूँ बैठे हट के मुखड़ा पलट के
फिर से बंधो इक तार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के
बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब
मिया और बीवी के झगड़ों ने राजा
लाखों घरों को उजाड़ा
मीठी शैतानी अच्छी ना रानी
घर को बनाओ ना अखाड़ा
अरे छोड़ो ये गर्मी आने दो नर्मी
छोड़ो ये गर्मी आने दो नर्मी
ग़ुस्से के तीखे ख़ुमार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के
बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब
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O baboo saab o memsaab-Talaq 1958
Artists: Rajendra Kumar, Kamini Kadam
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