फूल राहों में बिखर जाते-आपस की बात १९८२
का संगीत है-पूनम और आप की बात. पूनम फिल्म सन १९८२ में आई
थी और चर्चित रही मगर फिल्म आपस की बात को वो रेस्पोंस नहीं
मिला जनता का.
सुमन कल्याणपुर का गाया ये गीत अपने समय काफी बजा करता था.
इसे पूनम ढिल्लों और राज बब्बर पर फिल्माया गया है. अनजान ने इसे
लिखा है. पेड़ से लिपट के नायिका की खुशी कुछ और बढ़ जाती है गीत
में. वैसे वो पूरे गीत में ही काफी खुश नज़र आ रही है.
गीत के बोल:
फूल राहों में बिखर जाते हैं
फूल राहों में बिखर जाते हैं
जब वो आते हैं
फूल राहों में बिखर जाते हैं
लोग आते हैं और नज़ारे निखर जाते हैं
लोग आते हैं और नज़ारे निखर जाते हैं
फूल राहों में बिखर जाते हैं
जब वो आते हैं
चूम के उनके कदम को चूमता मौसम
वादियाँ ये वादियाँ हैं नाचती छम छम
चूम के उनके कदम को चूमता मौसम
वादियाँ ये वादियाँ हैं नाचती छम छम
ऊंची ऊंची छाये घटा धीमे धीमे गाये हवा
कोई तराना नया
एक नशे में दिन गुजर जाते हैं
एक नशे में दिन गुजर जाते हैं
जब वो आते हैं
फूल राहों में बिखर जाते हैं
जब वो आते हैं
दर्द की गहराईयों में डूब जाता दिल
डूब के कश्ती को अब तो मिल गया साहिल
दर्द की गहराईयों में डूब जाता दिल
डूब के कश्ती को अब तो मिल गया साहिल
सोये सोये ख्वाब जागे जले बुझे बुझे जले
दिल में शमा प्यार की
ख्वाब कितने ही संवर जाते हैं
ख्वाब कितने ही संवर जाते हैं
जब वो आते हैं
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Phool raahon mein bikhar jaate hain-Aapas ki baat 1982
Artist: Poonam Dhillon
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