Dec 18, 2017

उधर वो चाल चलते हैं-एक मुसाफिर एक हसीना १९६२

हिंदी सिनेमा में चाचा, पापा, मामा, नाना, दादा, वाले काफी गीत बने
हैं. उनमें से एक है फिल्म एक मुसाफिर एक हसीना में. फिल्म भले ही
पारिवारिक ना भी हों, ऐसे गीत उन्हें पारिवारिक का दर्ज़ा प्रदान कर देते
हैं. ये तो खैर एक पारिवारिक फिल्म ही है. मुझे ये समझने में कभी कभी
दिक्कत होती है पारिवारिक से मतलब क्या निकालें-जिस किसी फिल्म की
कहानी पारिवारिक हो या फिर उसे जिस फिल्म को बिना रिमोट से खिलवाड़
किये परिवार के साथ देखा जा सके. 

गीत सुनते हैं. शेवान रिज़वी के बोल हैं, आशा की आवाज़ और ओ पी नैयर
का संगीत.




गीत के बोल:

ला ला ला ला ला ला
हे हे हे हे हे
चा चा चा चा चा चा चा चा चा

उधर वो चाल चलते हैं इधर हम जान लेते हैं
नज़र पहचानने वाले नज़र पहचान लेते हैं
नज़र पहचानने वाले नज़र पहचान लेते हैं
उधर वो चाल चलते हैं इधर हम जान लेते हैं

अगर तुम हँस के देखोगे तो हम फिर मुस्करा लेंगे
बचा कर आँख निकलोगे नज़र हम भी फिरा लेंगे
तुम अपना रास्ता लोगे हम अपना रास्ता लेंगे
न हम एहसान करते हैं न हम एहसान लेते हैं
नज़र पहचानने वाले नज़र पहचान लेते हैं
नज़र पहचानने वाले नज़र पहचान लेते हैं
उधर वो चाल चलते हैं इधर हम जान लेते हैं

तुम्हें हमसे मोहब्बत है ज़रूरत क्या जताने की
इन्हें परदे में रहने दो ये बातें है छुपाने की
हमें आदत नहीं झूठी क़सम खाने खिलाने की
न हम ईमान देते हैं न हम ईमान लेते हैं
नज़र पहचानने वाले नज़र पहचान लेते हैं
नज़र पहचानने वाले नज़र पहचान लेते हैं
उधर वो चाल चलते हैं इधर हम जान लेते हैं
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Udhar wo chaal-Ek musafir ek haseena 1962

Artists: Joy Mukherji, Sadhana, ??????

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