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Aug 26, 2018

आवाज़ दे कहाँ है-अनमोल घडी १९४६

इस शब्द में कितनी कशिश है, कितना दम है. इस को
ले कर बने मुखड़े अधिकाँश हिट साबित हुए हैं-आवाज़.

इस गाने की तारीफ में आप ना जाने कितने पन्ने और
किताबें पढ़ चुके हैं, वो सब कम हैं क्या जो और विवरण
की तलाश में हैं.





गीत के बोल:

आवाज़ दे कहाँ है दुनिया मेरी जवाँ है
आबाद मेरे दिल में उम्मीद का जहाँ है
दुनिया मेरी जवाँ है
आवाज़ दे कहाँ है

आ रात जा रही है यूं जैसे चाँदनी की बारात जा रही है
आ रात जा रही है यूं जैसे चाँदनी की बारात जा रही है

चलने को अब फ़लक से तारों का कारवाँ है
चलने को अब फ़लक से तारों का कारवाँ है
ऐसे में तू कहाँ है
दुनिया मेरी जवाँ है
आवाज़ दे कहाँ है

किस्मत पे छा रही है क्यों रात की सियाही
किस्मत पे छा रही है क्यों रात की सियाही
वीराँ है मेरी नींदें तारों से ले गवाही
वीराँ है मेरी नींदें तारों से ले गवाही
बरबाद मैं यहाँ हूँ आबाद तू कहाँ है
बरबाद मैं यहाँ हूँ आबाद तू कहाँ है
बेदर्द आसमाँ है
दुनिया मेरी जवाँ है

आवाज़ दे कहाँ है
आवाज़ दे कहाँ है
…………………………………………………..
Aawaz de kahan hai-Anmol ghadi 1946

Artist: Noorjahan

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Feb 23, 2018

गुज़रा हुआ ज़माना-शीरीं फरहाद १९५६

अमर प्रेम कथाओं में से पर बनी पीरियड फिल्म शीरीं फरहाद
में कुछ दिलकश नगमे हैं जिन्हें आप बिलकुल भी नज़र अंदाज़
नहीं कर सकते अगर आप वाकई संगीत रसिक हैं. हाँ, स्पोंसर्ड
समीक्षक हैं तो बात अलग है या आपने कसम खा रखी है कि
कुछ गिने चुने संगीतकारों के अलावा आप किसी और की प्रशंसा
नहीं करेंगे तो सवाल खड़ा ही नहीं होता किसी बात पर.

लता मंगेशकर के गाये गीतों पर चर्चा प्रस्तुत गीत के बिना अधूरी
है. इस गीत ने संगीतकार एस मोहिंदर और इस गीत के गीतकार
तनवीर नकवी को भी उम्दा गीतों के इतिहास के पन्नों में स्थान
दिलाया. अनिल बिश्वास और सी रामचंद्र के संगीत वाले लता के
गाये गीतों का जो इफेक्ट है उसमें थोड़ी सी चित्रगुप्त के ओर्केस्ट्रा
का ब्लेंड दे दीजिए और थोड़ी सी हेमंत कुमार के संगीत वाली
अंडरप्ले फिर रोशन अंदाज़ का तबला, आपको मिल गया ये गीत.

कुछ बचा है, हाँ बर्मन दादा और शंकर जयकिशन का लता से
ऊंचे स्केल पर गवाने का अंदाज़, वो भी मिला लें. इन सब पर
मधुबाला का चेहरा, कुल मिला कर क़यामत है ये गीत. गाने की
धुन इतनी मासूम है कि मेरा दावा है आप गीत के वीडियो के
अंत तक पहुँचते पहुँचते यकीन कर लेंगे कि इसे मधुबाला खुद गा
रही हैं.

ये सब तो खैर तुलना के लिए बताया गया है. एस मोहिंदर एक
प्रतिभाशाली और आलराउंडर किस्म के संगीतकार थे. गीतों की
सभी किस्मों पर उनकी समान रूप से पकड़ थी.




गीत के बोल:

गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

खुशियाँ थीं चार पल की आँसू हैं उम्र भर के
तन्हाइयों में अक़्सर रोएंगे याद कर के
दो वक़्त जो के हमने इक साथ है गुज़ारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

मेरी क़सम है मुझको तुम बेवफ़ा न कहना
मजबूर थी मुहब्बत सब कुछ पड़ा है सहना
तूफ़ाँ है ज़िन्दगी का अब आखिरी सहारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

मेरे लिये सहर भी आई है रात बन कर
निकला मेरा जनाज़ा मेरी बरात बन कर
अच्छा हुआ जो तुमने देखा न ये नज़ारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
……………………………………………………………….
Guzra hua zamana-Shirin Farhad 1956

Artist: Madhubala

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Dec 11, 2017

यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई-जुगनू १९४७

जुगनू सन १९४७ में रिलीज़ हुई फिल्म है. इस वर्ष हमारा देश
अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुआ था.

ये एक दुर्लभ युगल गीत है. दुर्लभ इस वजह से कि रफ़ी और
नूरजहाँ का गाया युगल गीत है. पार्टीशन के बाद नूरजहाँ पडोसी
देश में चली गयीं और उसके बाद नूरजहाँ की आवाज़ में गाने
गवाने का देसी संगीत निर्देशकों का ख्वाब अधूरा रह गया.

प्रस्तुत गीत के बोल हैं तनवीर नकवी के और संगीत तैयार किया
है फ़िरोज़ निज़ामी ने. इस गीत को दिलीप कुमार और नूरजहाँ पर
फिल्माया गया है.



गीत के बोल:

यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है
मोहब्बत कर के भी देखा मोहब्बत में भी धोखा है

कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था अभी क्या है
यूँ ही दुनिया बदलती है इसी का नाम दुनिया है
कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था अभी क्या है
तड़पने भी नहीं देती हमें मजबूरियाँ अपनी

मोहब्बत करने वालों का तड़पना किसने देखा है
यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है

यूँ ही दुनिया बदलती है इसी का नाम दुनिया है
कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था उभी क्या है
मोहब्बत कर के भी देखा मोहब्बत में भी धोखा है

भुला दो वो ज़माना जब मुझे अपना बनाया था
भुला दो मुँह में उल्फ़त जब तुम्हारे लब पे आया था
भुला दो वो कसम जो दिलाई थी कभी तुमने
भुला दो वो कसम जो कि खाई थी कभी तुमने
भुला दो दिल से तुम गुज़रे हुए रँगीन ज़माने को
भुला दो हाँ भुला दो इश्क़ के सज़ा फ़साने को
तमन्नाओं की बस्ती में अंधेरा ही अंधेरा है
किसे अपना कहूँ कोई जो अपना था पराया है
यूँ ही दुनिया बदलती है इसी का नाम दुनिया है
कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था अभी क्या है
मोहब्बत करने वालों का तड़पना किसने देखा है
यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है
…………………………………………………………..
Yahan badla wafa ka-Jugnu 1947

Artists: Dilip Kumar, Noorjahan

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Mar 21, 2017

आ जा ओ जान-ए-वफ़ा-शीरीं फरहाद १९५६

सुनते हैं एस मोहिंदर की एक जादुई धुन फिल्म शीरीं फरहाद
से. लाता मंगेशकर और हेमंत कुमार के गाये युगल गीत को
लिखा है तनवीर नकवी ने.

ऐतिहासिक प्रेम गाथाओं की तरह ये भी एक दुखांत प्रेम कथा
है. फिल्म में प्रदीप कुमार और मधुबाला प्रमुख कलाकार हैं.
गीत इस प्रेम कथा के अंत में आता है.




गीत के बोल:

आ आ जा आ जा ओ जान-ए-वफ़ा
सुन ले तू मेरी सदा
रो रो के मेरी मुहब्बत तुझको पुकारे ज़रा
आ आ जा आ जा ओ जान-ए-वफ़ा

ना ना जा ना जा ओ दिलरुबा
तू ही बता तेरे सिवा दुनियाँ में कौन है मेरा
तू ही बता तेरे सिवा दुनियाँ में कौन है मेरा
तुझ से सनम हो के जुदा
तुझ से सनम हो के जुदा जी के करूँगी क्या
ना ना जा ना जा ओ दिलरुबा

आ आ जा आ जा ओ जान-ए-वफ़ा

किस को सुनाऊं दास्ताँ बरबाद है मेरा जहाँ
किस को सुनाऊं दास्ताँ बरबाद है मेरा जहाँ
फ़रियाद है आसमाँ
फ़रियाद है आसमाँ दुनियाँ बड़ी बेवफ़ा
ना ना जा ना जा ओ दिलरुबा

हेमंत:आ आ जा आ जा ओ जान-ए-वफ़ा

जीने से दिल घबरा गया अब दम लबों पर आ गया
ऐ आसमान बिजली गिरा मेरे गुलिस्तान को जला
ऐ मौत आ ऐ मौत आ
बिछडे हुए दो दिल मिला
बिछडे हुए दो दिल मिला
……………………………………………………
Aa aa ja aa ja o jaan-e-wafa-Shirin Farhad 1956

Artist: Madhubala

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Feb 16, 2017

सोचा था क्या क्या हो गया-अनमोल घडी १९४६

सदा जवान गीत वे होते हैं जो कभी भी कहीं भी सुनो जवान
ही सुनाई देते हैं. पेश है ऐसा ही एक गीत सुरैया का गाया
हुआ जो फिल्म अनमोल घडी का है. फिल्म “प्रेशियस वाच’
का ये गीत तो वाकई प्रेशियस है.

आपको गर याद हो इस गीत की एक झलक श्रीदेवी वाली फिल्म
चालबाज़ के एक पैरोडीनुमा गीत में सुनाई दी थी. प्रस्तुत गीत
तनवीर नकवी का लिखा हुआ है और इसकी धुन बनाई है
नौशाद ने.



गीत के बोल:

सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया
अपना जिसे समझे थे हम
अफ़सोस वो अपना ना था
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया

गैरो की इसमे क्या ख़ता
करते हैं अपनो से गिला
क्या हो गया क्या हो गया
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया

ऐ दिल ना रो
ऐ दिल ना रो हैरान ना हो
होना था जो वो हो गया
रोने से अब क्या फ़ायदा
क्या हो गया क्या हो गया
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया

जो कुछ भी देखा ख्वाब था
इस ख्वाब को अब भूल जा
भूल जा
क्या हो गया क्या हो गया
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया
अपना जिसे समझे थे हम
अफ़सोस वो अपना ना था
सोचा था क्या क्या हो गया
क्या हो गया
………………………………………………………….
Socha tha kya kya ho gaya-Anmol ghadi 1946

Artist: Suraiya

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Feb 15, 2017

आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत-अनमोल घडी १९४६

आ जा-इन शब्दों से काफी लोकप्रिय गीत बने हैं. उन गीतों
में कुछ ज्यादा ही लोकप्रिय हैं. एक ऐसा ही गीत सुनेंगे हम
अनमोल घडी फिल्म से. नूरजहाँ का गाया ये गीत आज भी
आपको किसी रेडियो चैनल पर सुनाई देगा.

तनवीर नकवी के बोल हैं और नौशाद का संगीत है. फिल्म में
दो गायिका-नायिकायें मौजूद हैं अपने समय की. नूरजहाँ और
सुरैया. दोनों कलाकार फिल्म संगीत के इतिहास में ऊंचा स्थान
रखते हैं. नूरजहाँ ने पडोसी देश में वो मुकाम हासिल किया
जो हमारे यहाँ लता मंगेशकर को हासिल है. नूरजहाँ गायन
के क्षेत्र में लता मंगेशकर से पहले आयीं.




गीत के बोल:

आ जा आ जा
आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे
आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

आये भी ना थे खुश्क हुए आँखों में आँसू
हाय आँखों में आँसू
आये भी ना थे खुश्क हुए आँखों में आँसू
हाय आँखों में आँसू
निकले भी ना थे लुट गये अरमान बेचारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

अंजाम-ए-मोहब्बत हमें मालूम है लेकिन
हमें मालूम है लेकिन
अंजाम-ए-मोहब्बत हमें मालूम है लेकिन
हमें मालूम है लेकिन
लेते हैं तेरे ग़म में उम्मीदों के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

था दिल को फ़कत तेरी मोहब्बत का सहारा
मोहब्बत का सहारा
हमने इसी उम्मीद पे दिन अपने गुज़ारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे

आ जा आ जा
आ जा मेरी बरबाद मोहब्बत के सहारे
है कौन जो बिगड़ी हुई तक़दीर संवारे
...........................................................................
Aa ja meri barbad mohabbat-Anmol ghadi 1946

Artist: Noorjahan

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Dec 27, 2016

क्यों याद आ रहे हैं-अनमोल घडी १९४६

फिल्म अनमोल घडी के गीत बने हुए कम से कम ७०
साल तो हो ही चुके हैं. फिल्म रिलीज़ हुई थी १९४६ में
तो हम मान लेते हैं इसके गीत १९४५ में बनना शुरू
हुए होंगे. ये पुराने संगीत का दम ही है जो हम इतने
पुराने गीत भी आज सुनते हैं.

तनवीर नकवी का लिखा, नौशाद द्वारा संगीतबद्ध और
सुरेन्द्र का गाया एक गीत सुनते हैं इसी फिल्म से. पूर्व
में हम आपको ३ गीत इस फिल्म से सुनवा चुके हैं



गीत के बोल:

क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने
ये दुःख भरे फ़साने
रोते हुए तराने
किसको सुना रहे हैं
क्यों याद रहे हैं

यूँ मुस्कुरा रहे हैं
देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं
यूँ मुस्कुरा रहे हैं
देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं

क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने

क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते हैं ग़म के गाने
क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते हैं ग़म के गाने
हम भोर के दिये हैं
हम भोर के दिये हैं
बुझते ही गा रहे हैं

क्यों याद आ रहे हैं
गुज़रे हुए ज़माने
......................................................................
Kyon yaad aa rahe hain-Anmol Ghadi 1946

Artist: Surendra

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Nov 8, 2016

हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना-शीरी फरहाद १९५६

५० के दशक की ओर एक बार चला जाए और सुना जाए फिल्म
शीरी फरहाद से एक गीत रफ़ी का गाया हुआ. तनवीर नकवी का
लिखा गीत है जिसकी धुन बनाई है एस मोहिंदर ने.

शीरी फरहाद का निर्देशन अस्पी ईरानी ने किया था और इसके
प्रमुख कलाकार हैं प्रदीप कुमार, मधुबाला और अमीता.

शानदार गीत है मगर इसे फिल्म लैला मजनू(१९७५) के गीतों जैसी
प्रसिद्धि नहीं मिली. इसे देखते देखते आपको ज़रूर लैला मजनू के
दृश्य याद आने लगेंगे.

इसमें एक बात अनुतइ ढंग से कही गयी है- मुहब्बत मौत से भी
क्या मरेगी. सही है, ना तो भाव और ना ही आत्मा खत्म होती
है. शीरी फरहाद की प्रेम कहानी इतिहास की अमर गाथाओं में से
एक है.



गीत के बोल:

न हँसो प्यार पे
नाकाम ज़माने वालों
क्या मिटाओगे मोहब्बत को
मिटाने वालों

हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना
हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना
न बदलेगा मुहब्बत का फ़साना
मुहब्बत का फ़साना
हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना

पिघल जाते हैं पत्थर मोम हो कर
पिघल जाते हैं पत्थर मोम हो कर

सिमट जाते हैं कतरे में समन्दर
मुहब्बत छेड़ती है जब तराना
मुहब्बत छेड़ती है जब तराना
न बदलेगा मुहब्बत का फ़साना
मुहब्बत का फ़साना

हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना

उड़े तो चाँद तारे तोड़ लाएं
उड़े तो चाँद तारे तोड़ लाएं
गिरें तो आग पानी में लगाये
बनायें बिजलियों पे आशियाना
बनायें बिजलियों पे आशियाना
न बदलेगा मुहब्बत का फ़साना
मुहब्बत का फ़साना

हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना

मुहब्बत मौत से भी क्या मरेगी
मुहब्बत मौत से भी क्या मरेगी
ज़माने से मुहब्बत क्या डरेगी
कि इसकी ठोकरों में है ज़माना
कि इसकी ठोकरों में है ज़माना
न बदलेगा मुहब्बत का फ़साना
मुहब्बत का फ़साना

हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना
हज़ारों रंग बदलेगा ज़माना
………………………………………………………………
Hazaron rang badlega zamana-Shirin Farhad 1956

Artist: Pradeep Kumar

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Aug 5, 2016

बेचैन करने वाले तू भी-यास्मीन १९५५

ये बेचैन शब्द वाला दूसरा गीत है फिल्म यास्मीन से. फिल्म
का ये गीत बेचैन करने वाला भी है. इसमें लानत मलानत जो
निकली है नायिका के दिल से.

फिल्म में तनवीर नकवी का लिखा हुआ केवल एक यही गीत है
बाकी के जां निसार अख्तर के लिखे हुए हैं. सी रामचंद्र ने इस
फिल्म के लिए तबियत से संगीत रचा था बावजूद इसके ना तो
फिल्म चली और ना ही संगीत लोकप्रियता के चरम पर पहुंचा.
गीत ज़रूर आजभी सुने जाते हैं फिल्म के क्यूंकि कर्णप्रिय हैं.



गीत के बोल:


यही दुआ है कि तुझको मिले सितम की सज़ा
जो मेरे दिल का है वो हाल हो तेरे दिल का

बेचैन करने वाले तू भी न चैन पाये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले

तू भी तड़प तड़प कर पुरक़त की रात काटे
तू भी तड़प तड़प कर पुरक़त की रात काटे
गुज़रा हुआ ज़माना तुझको भी याद आये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले

तड़पे तेरी मुहब्बत रोये तेरी जवानी
तड़पे तेरी मुहब्बत रोये तेरी जवानी
हर आह तेरी लब पर फ़रियाद बन के आये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले

टूटे तेरे सहारे कोई भी हो न तेरा
टूटे तेरे सहारे कोई भी हो न तेरा

मेरी तरह से तू भी अपने पे रहम खाये
तेरी ही बेवफ़ाई तुझको लहू रुलाये
बेचैन करने वाले

............................................................
Bechain karne wale-Yasmin 1955

Artist: Vaijayantimala

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May 27, 2016

उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ–अनमोल घडी १९४६

खाट का मतलब आप सभी जानते हैं जिसे चारपाई
भी कहा जाता है. खटोला मतलब छोटी खाट. खाट
खड़ी भी हो सकती है आडी भी हो सकती है. जैसे
चाहे रख लो इसे और जैसे चाहे इस पर पसर जाओ.

उड़न खटोला मतलब वो खटोला जो उड़ रहा हो या
उड़ता हो. हो सकता है इसका अर्थ हवाई जहाज़ से
हो या फिर हवा में उडती हुई कोई बग्घी. खटोला
अक्सर बैठने के काम ही आता है. इस पर केवल छोटे
बच्चे पसर सकते हैं. कुर्सी नाम की चीज़ बाद में
अस्तित्व में आई. उसको आप खटोले का एक्सटेंशन
कह सकते हैं. उड़ने वाली कोई चीज़ जिसपर बैठा जा
सके वो उड़न खटोला. फिल्म की नायिका कुछ इच्छा
कर रही है फिल्म अनमोल घडी के गाने में. बोल
लिखे हैं तनवीर नकवी ने और इसकी धुन बनाई है
नौशाद ने. ये गीत प्रसिद्ध और प्रचलित गीत है.




गीत के बोल:

उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
हाँ आ आ आ  तेरे हाथ ना आऊँ
उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
हाँ आ आ आ  तेरे हाथ ना आऊँ
दूर दूर से करूँ इशारे  और तुझको तरसाऊँ
चंदा की खिड़की से झाकूँ
झाकूँ और छुप जाऊँ

उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
हाँ आ आ आ  तेरे हाथ ना आऊँ

हो ओ ओ ओ ओ ओ  ओ ओ ओ
ये और गुज़रती जाए  लंबी उँची नीची रहे
गलियाँ और बाज़ार  हा आ आ
गलियाँ और बाज़ार
मेरा पहिया
मेरा पहिया ऐसे भागे  जैसे मोटर कार
भागे सब संसार  भागे सब संसार
सूरज भागे चंदा भागे  अंधियारा उजियारा भागे
धरती दौड़े पीछे को मैं आगे बढ़ती जाऊँ
तेरा हाथ पकड़ के तुझको दूर कही ले जाऊँ
मैं फिर भी हाथ ना आऊँ फिर भी हाथ ना आऊँ
उड़ान खटोले पे उड़ जाऊँ  तेरे हाथ ना आऊँ
.......................................................................
Udan khatole pe uda jaaoon-Anmol Ghadi 1946

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Dec 13, 2010

आ के अब आता नहीं दिल को करार-महबूबा १९५४

आपको इस ब्लॉग पर १९७६ की महबूबा फिल्म से
दो गीत सुनवाए जा चुके हैं। आइये अब सुना जाए
गीत जी की एक पसंद की अभिनेत्री पर फिल्माया गया
लता जी का गाया गीत। फिल्म में शम्मी कपूर और
नलिनी जयवंत की जोड़ी है।

उस ज़माने में नलिनी जयवंत एक नामी सितारा
थीं और शम्मी नए कलाकार। शम्मी को इस हिसाब
से सभी काल की सुन्दर अभिनेत्रियों के साथ अभिनय
का मौका मिल गया। स्वयं के निर्देशन में फिल्म
मनोरंजन में जीनत अमान के साथ अभिनय का भी
मौका मिला हालाँकि उस फिल्म के हीरो थे संजीव कुमार।




गाने के बोल:

आ के अब आता नहीं दिल को करार
आ के अब आता नहीं दिल को करार
राह तकते थक गया है इंतज़ार

आ के अब आता नहीं दिल को क़रार

किस कदर बेचैन है दुनिया मेरी
किस कदर बेचैन है दुनिया मेरी
दिल की हर धड़कन में है आहात तेरी
आरजुएँ हो रही हैं बेकरार

आ के अब आता नहीं दिल को करार

दिल सदायें दे रहा है तू कहाँ
दिल सदायें दे रहा है तू कहाँ
मुन्तजिर है चाँद तारे आसमान
ये हवाएं ये फज़ाएँ ये बहार

आ के अब आता नहीं दिल को करार

पास तेरे वो हसीं रातें गई
पास तेरे वो हसीं रातें गई
प्यार की रंगीं मुलाक़ातें गई
रह गया है दर्द दिल की यादगार

आ के अब आता नहीं दिल को क़रार
आ के अब आता नहीं दिल को करार
राह तकते थक गया है इंतज़ार

आ के अब आता नहीं दिल को क़रार

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Nov 17, 2010

जवां है मोहब्बत-अनमोल घडी १९४६

हर दौर के कुछ प्रतिनिधि गीत होते हैं। उन गीतों से उस
समय के चलन का अंदाजा होता है। हर एक दशक में थोड़े
बदलाव आ जाते हैं। एक ऐसा ही प्रतिनिधि गीत है ४० के
उत्तरार्ध का। अनमोल घडी एक सफल फिल्म थी और इसके
गीत खूब बजे थे। बजे थे क्या यूँ कहिये आज भी चाव से सुने
जाते हैं। अंकल जी, आंटी जी , दादाजी और दादीजी सुना करते
हैं। चुन्नू-मुन्नू तो रीमिक्स सुनते हैं ना !

ये एक सदाबहार गीत है और आज भी युवा लगता है।
गौर फरमाएं भारी आवाज़ वाली गायिकाएं फिर से हिंदी
फिल्म संगीत में पैर ज़माने लगी हैं। बस फर्क उस दौर
और आज के दौर में ये है कि गाने की पट्टी थोड़ी ऊंची हो
गई है और शोरगुल ज्यादा हो गया है। जो हमें शोर लगता
है वही आज की पीढ़ी को झकास म्यूजिक लगता है।

अनमोल घडी के इस गीत को लिखा है तनवीर नकवी ने और
धुन बनाई है नौशाद ने। परदे पर और उसके पीछे दोनों जगह
नूरजहाँ ही इस गीत को गा रही हैं। नूरजहाँ के करियर में यह
गीत एक मील का पत्थर है। पिछला गीत आपने सुना था
सुरिंदर कौर का, उससे इस गीत की तुलना करिए और दोनों
गायिकाओं की आवाज़ में अंतर पता लगाइए तब तक मैं एक
और पोस्ट का मसाला बनाता हूँ।




गीत के बोल:

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

मोहब्बत करे खुश रहे मुस्कुराये
खुश रहे मुस्कुराये
मोहब्बत करे खुश रहे मुस्कुराये
खुश रहे मुस्कुराये

ना सोचे हमें क्या कहेगा ज़माना
क्या कहेगा ज़माना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

अभी तक मुझे याद है वो कहानी
याद है वो कहानी
अभी तक मुझे याद है वो कहानी
याद है वो कहानी

ना भूलेगा बचपन का रंगीन ज़माना
हाँ रंगीन ज़माना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

यहाँ आँखों आँखों में बात हुई है
यहाँ आँखों आँखों में बात हुई है

किसी ने ना देखा किसी ने ना जाना
हाँ किसी ने ना जाना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

तुम आये के बचपन मेरा लौट आया
लौट आया
तुम आये के बचपन मेरा लौट आया
लौट आया

मिला है मुझे ज़िन्दगी का बहाना
ज़िन्दगी का बहाना

जवां है मोहब्बत हसीं है ज़माना
लुटाया है दिल ने ख़ुशी का खज़ाना

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निगाहें मिलाने को जी चाहता है-पराई आग १९४८

गुलाम मोहम्मद के संगीत पर बात छिड़ी है तो आइये एक साल और
पीछे चलें और सुनें सन १९४८ की फिल्म 'पराई आग' से एक गीत।
गुलाम मोहम्मद के गीत वैसे भी दुर्लभ की श्रेणी में आते हैं क्यूंकि
सुनने को नहीं मिलते हैं । ये गीत तनवीर नकवी ने लिखा है और गा
रहे हैं मोहम्मद रफ़ी।

इस गीत का मुखड़ा आपको एक और फ़िल्मी गीत की याद दिलाएगा।
सन १९६३ की फिल्म-दिल ही तो है का आशा का गाया गीत ।

इस फिल्म में भी मधुबाला मौजूद हैं। उल्हास और मुनव्वर सुल्ताना
शायद इस फिल्म में नायक नायिका हैं। फिल्म 'पराई आग' के निर्देशक
नज़म नकवी हैं उनका इस फिल्म के गीतकार तनवीर नकवी के साथ
कुछ सम्बन्ध है या नहीं मुझे जानकारी नहीं।

यू ट्यूब पर उपलब्ध ऑडियो की गुणवत्ता गड़बड़ है। काम चलाइए बस।



गीत के बोल:

निगाहें मिलाने को, जी चाहता है
निगाहें मिलाने को, जी चाहता है
तुझे आजमाने को, जी चाहता है
तुझे आजमाने को, जी चाहता है

निगाहें मिलाने को, जी चाहता है

अगर दूर से हम तुझे देखते हैं
अगर दूर से हम तुझे देखते हैं
तेरे पास आने को जी चाहता है
तेरे पास आने को, जी चाहता है

तुझे आजमाने को, जी चाहता है
तुझे आजमाने को, जी चाहता है
निगाहें मिलाने को, जी चाहता है

वो बातें जो तेरे तसव्वुर से की हैं
हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ
वो बातें जो तेरे तसव्वुर से की हैं
उसे भी सुनाने को जी चाहता है
उसे भी सुनाने को जी चाहता है

तुझे आजमाने को, जी चाहता है
तुझे आजमाने को, जी चाहता है
निगाहें मिलाने को, जी चाहता है

तेरी राह में, तेरे हर हर क़दम पर
तेरी राह में, तेरे हर हर क़दम पर
निगाहें बिछाने को, जी चाहता है
निगाहें बिछाने को, जी चाहता है

तुझे आजमाने को, जी चाहता है
तुझे आजमाने को, जी चाहता है
निगाहें मिलाने को, जी चाहता है

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Sep 8, 2009

तेरा खिलौना टूटा बालक -अनमोल घड़ी १९४६

६३ साल पुरानी फिल्म अनमोल घडी से एक गीत । ये फिल्म
नूरजहाँ सुरेन्द्र जीनत बेगम और शमशाद के गाये गीतों के
लिए जानी जाती है। इसमें एक गीत रफ़ी का गाया हुआ भी है। ये
कम सुना हुआ गीत है जिसको लिखा है तनवीर नकवी ने और धुन
बनायीं है नौशाद ने। नौशाद के कैरियर में मील का पत्थर साबित हुई इस
फिल्म के लगभग सभी गीत चर्चित हैं । एक खिलौने बेचने वाला गीत
गा रहा है परदे पर। पञ्च लाइन है गाने की-दो कौड़ी में बिकता है इंसान।
............



गाने के बोल:

तेरा खिलौना टूटा बालक
तेरा खिलौना टूटा
हैं क़िस्मत ने लूटा तुझको
हैं क़िस्मत ने लूटा
तेरा खिलौना टूटा

गगन पे बैठकर खेल निराली
खेले खेलनहार
देखो लोगों कठपुतली का
नाटक हैं संसार
हम तुम हैं सब खेल खिलौने
मीठे कड़वे और सलोने
खेलो बच्चों, ले लो बच्चों
दो कौड़ी में, बिकता है इनसान

ले लो भोला सा भगवान
ले लो भूखा हिंदुस्तान
ले लो ये मेड इन जापान
ये है लल्लू ये है ज्ञान
ये है कल्लू ये है प्राण
तू क्यूँ रोता चंदरभान
माँ ने पीटा मेरी जान
न हो रो रो के हलकान
तू है भारत की संतान
ले ले तू ये तीर कमान
मेरे प्यारे पहलवान
बचाले अपने घर की शान
पी ले बीड़ी खा ले पान

मेरे खिलौने दो दो आने
खेलो बच्चों ले लो बच्चों
लाया हूँ कागज़ का गुलबूटा
तेरा खिलौना टूटा

तेरा खिलौना टूटा बालक
तेरा खिलौना टूटा
हैं क़िस्मत ने लूटा तुझको
हैं क़िस्मत ने लूटा
तेरा खिलौना टूटा
गगन पे बैठकर खेल निराली
खेले खेलनहार
देखो लोगों कठ्पुतली का
नाटक हैं संसार

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