आँखों में क़यामत के काजल-किस्मत १९६८
किस्मत से. महेंद्र कपूर के गाये इस गीत को लिखा है नैयर के
रेगुलर गीतकार एस एच बिहारी ने.
एस एच बिहारी की लेखनीकी ओ पी नैयर ने काफी तारीफ़ की थी
उजाले उनकी यादों के कार्यक्रम में.
गीत के बोल:
आँखों में क़यामत के काजल
आँखों में क़यामत के काजल
होंठों पे गज़ब की लाली है
बंदापरवर कहिये किसकी
बंदापरवर कहिये किसकी
तक़दीर संवरने वाली है
आँखों में क़यामत के काजल
होंठों पे गज़ब की लाली है
बंदापरवर कहिये किसकी
तक़दीर संवरने वाली है
आँखों में क़यामत के काजल
सदके
सदके मैं तुम्हारी बाहों के
जो आग लगा दी पानी में
सदके मैं तुम्हारी बाहों के
जो आग लगा दी पानी में
कुर्बान तुम्हारी आँखों के
जो भर दें रंग जवानी में
मर जाऊँ तुम्हारे गालों पर
मर जाऊँ तुम्हारे गालों पर
जिनमें के गुलों की लाली है
बंदापरवर कहिये किसकी
बंदापरवर कहिये किसकी
तक़दीर संवरने वाली है
आँखों में क़यामत के काजल
ओ हो हो
ये आपकी मस्ती का आलम
ये बहके हुए जज़बात मेरे
ये आपकी मस्ती का आलम
ये बहके हुए जज़बात मेरे
कुछ कह न सका मैं दीवाना
कहते हैं मगर हालात मेरे
या आप नशे में डूबे हैं
या आप नशे में डूबे हैं
या मेरी नज़र मतवाली है
बंदापरवर कहिये किसकी
बंदापरवर कहिये किसकी
तक़दीर संवरने वाली है
आँखों में क़यामत के गाजल
होंठों पे गज़ब की लाली है
बंदापरवर कहिये किसकी
तक़दीर संवरने वाली है
आँखों में क़यामत के काजल
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Aankhon mein kayamat ke kajal-Kismat 1968
Artists: Biswajeet, Babita
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