ऐ वतन ऐ वतन-शहीद १९६५
हैं सन १९६५ की फिल्म शहीद से एक गीत रफ़ी की आवाज़ में.
इसे हमने कई बार पहले भी सुना है और ये २६ जनवरी और
१५ अगस्त को खूब बजा करता है.आज एक बार और सुनते हैं.
प्रेम धवन की रचना है और उन्हीं का संगीत.
गीत के बोल:
जलते भी गये कहते भी गये
आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है
जो मरना वतन पे जाने
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों मैं जां तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों मैं जां तक लुटा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन
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Ae watan ae watan-Shaheed 1965
Artist: Manoj Kumar
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