पागल पागल हाय ये मौसम-हैवान १९७७
६० के दशक में तो नियमित रूप से फिल्मों के गीतों में सुनाई
दी मगर ७० के दशक में उनके गिने चुने गाने ही आये. इस लिहाज
से ये गीत दुर्लभ है. फिल्म भी जानी पहचानी नहीं है ये गीत के
दुर्लभ होने का दूसरा कारण है.
गीत प्रदीप रॉयचौधरी का लिखा हुआ है और इस गीत का संगीत
बप्पी लहरी ने तैयार किया है. अब इसके दुर्लभ होने की तीसरी
वजह भी आपको बतला देते हैं-एक संगीतकार दूसरे संगीतकार के
संगीत निर्देशन में गा रहा है.
गीत के बोल:
पागल पागल हाय ये मौसम
छेड़े जा शरमाये जा
मस्त हवा मस्त फिज़ा
तड़पे जा तड़पाये जा
पागल पागल हाय ये मौसम
छेड़े जा शरमाये जा
मस्त हवा मस्त फिज़ा
तड़पे जा तड़पाये जा
दिल में प्यार के अरमान मचले मेरी जान
अब तो बात छुपे ना नज़ारे कहे हाँ
दिल में प्यार के अरमान मचले मेरी जान
अब तो बात छुपे ना नज़ारे कहे हाँ
पम बम पम
रंगीन रंगीन तूफानों में
झूमे जा लहराए जा
मस्त हवा मस्त फिज़ा
तड़पे जा तड़पाये जा
आ जा मस्त हवाओं में उड़ते चलें हम
जब तू साथ हमारे फिर क्या हमें गम
आ जा मस्त हवाओं में उड़ते चलें हम
जब तू साथ हमारे फिर क्या हमें गम
पम फम पम
काली काली जुल्फों में तू
उलझे जा घबराए जा
मस्त हवा मस्त फिज़ा
तड़पे जा तड़पाये जा
पागल पागल हाय ये मौसम
छेड़े जा शरमाये जा
मस्त हवा मस्त फिज़ा
तड़पे जा तड़पाये जा
हमसे जान के टकरा बच के नहीं चल
कहती देख जवानी आता नहीं कल
हमसे जान के टकरा बच के नहीं चल
कहती देख जवानी आता नहीं कल
पम पम पम
दुनिया दुनिया कैसी दुनिया
दुनिया को ठुकराए जा
मस्त हवा मस्त फिज़ा
तड़पे जा तड़पाये जा
पागल पागल हाय ये मौसम
छेड़े जा शरमाये जा
मस्त हवा मस्त फिज़ा
तड़पे जा तड़पाये जा
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Pagal pagal haye ye mausam-Haiwan 1977
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