अजब हमारी है ज़िंदगानी-कभी अँधेरा कभी उजाला १९५८
के आप कभी बोर नहीं होंगे. एक ऐसा ही हास्य गीत है फिल्म
कभी अँधेरा कभी उजाला से जिसमें किशोर कुमार सुरमा बेच
रहे हैं. वो गीत हम आपको सुनवा चुके हैं.
फिल्म के दूसरे गीत कम लोकप्रिय हैं. एक गीत सुनते हैं जिसे
आशा भोंसले ने गाया है. मजरूह के बोल हैं और ओ पी नैयर
का संगीत. यह मधुर गीत फिल्म का शीर्षक गीत है. वायलिन
और शहनाई किसी भी गीत में मौजूद हों तो दर्द उत्पन्न करते
ही हैं चाहे वो विवाह अवसर पर बजने वाली ही क्यूँ ना हो.
गीत के बोल:
अजब हमारी है ज़िंदगानी कभी अँधेरा कभी उजाला
अजब हमारी है ज़िंदगानी कभी अँधेरा कभी उजाला
है ये भी जीवन की एक कहानी कभी अँधेरा कभी उजाला
कभी है मिलना कभी बिछड़ना कभी है रोना कभी है गाना
है ख़्वाब ऐसा ये ज़िंदगानी कभी अँधेरा कभी उजाला
है ये भी जीवन की एक कहानी कभी अँधेरा कभी उजाला
कभी तो मौसम जुदाई का है कभी हैं घड़ियाँ मधुर मिलन की
है ग़म की मंजिल तो आनी जानी कभी अँधेरा कभी उजाला
है ये भी जीवन की एक कहानी कभी अँधेरा कभी उजाला
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Ajab hamari hai zindagani-Kabhi andhera kabhi ujala 1958
Artist: Nutan
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