कौन हूँ मैं-प्रिंस २०१०
हो ही गए हैं. हर बीस साल में एक नई पीढ़ी आती है तो
नया युग भी जैसे आ जाता है. आजकल परिवर्तन की गति
कुछ ज्यादा है और कभी कभी तो ये लगता है मानो ३-४
साल में ही युग परिवर्तन हो गया हो. पब्लिक को मोपेड से
अपग्रेड हो के बाइक पर आने में १५ साल लग गए तो
आज के युग में बाइक से स्पोर्ट्स बाइक तक व्यक्ति एक
साल में ही पहुँच जाता है. सामान्य बाइक को कोई स्पोर्ट्स
बाइक जैसा रगड़े वो बात और है.
गीत समीर का है जिसे आतिफ असलम ने गाया है और इस
गीत को संगीतबद्ध किया है सचिन गुप्ता ने. इस फिल्म में
विवेक ओबेरॉय, नंदना सेन, अरुणा शील्ड्स, नीरू बवेजा और
संजय कपूर संग पुराने कलाकार दिलीप ताहिल भी मौजूद
हैं.
गीत के बोल:
अनजानी सी ख्वाहिश है अनजाना है अफसाना
ना मेरी कोई मंजिल है ना कोई है ठिकाना
अनजानी सी ख्वाहिश है अनजाना है अफसाना
ना मेरी कोई मंजिल है ना कोई है ठिकाना
कौन हूँ मैं किसकी मुझे तलाश
कौन हूँ मैं किसकी मुझे तलाश
इन सूनी सूनी तन्हा राहों पर
बहके बहके से पलछिन हैं
होश में भी मदहोशी हैं
मुझको सुनाई देती है ये कैसी ख़ामोशी है
बहके बहके से पलछिन हैं
होश में भी मदहोशी हैं
मुझको सुनाई देती है ये कैसी ख़ामोशी है
कौन हूँ मैं किसकी मुझे तलाश
कौन हूँ मैं किसकी मुझे तलाश
इन सूनी सूनी तन्हा राहों पर
कोई भी तो जाने ना आलम मेरी तन्हाई का
पीछा करता रहता हूँ मैं तो अपनी फुरछाई का
कोई भी तो जाने ना आलम मेरी तन्हाई का
पीछा करता रहता हूँ मैं तो अपनी परछाई का
कौन हूँ मैं किसकी मुझे तलाश
कौन हूँ मैं किसकी मुझे तलाश
इन सूनी सूनी तन्हा राहों पर
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Kaun hoon main-Prince 2010
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