Feb 13, 2018

कोई तो हो जिसके लिए-चुपके से २००३

संगीतकार विशाल भारद्वाज ने अपने संगीत में सॉफ्ट किस्म की
धुनों का स्टॉक कायम रखा है. आज के दौर में भी कभी कभी
धीमा और आहिस्ता सा लगने वाला गीत सुनाई दे जाता है. ये
गीत हालांकि २००३ की फिल्म का है और इस वर्ष को बीते भी
पूरे पन्द्रह साल बीत चुके हैं. इन पन्द्रह सालों में संगीत अपने
धम-धम की चरम सीमा पर पहुँच चुका है.

गीत के बोल गुलज़ार के हैं और इसे गाया है उदित नारायण के
संग अलका याग्निक ने.




गीत के बोल:

कोई तो हो जिसके लिए
जीना हो तो मरना पड़े
हो कोई तो हो जिसके लिए
जीना हो तो मरना पड़े
अरे मरना हो तो जीना पड़े
बड़ी मुश्किल है ये दिल विल
ये दिल विल उफ़ अल्लाह
ये दिल विल उफ़ अल्लाह
कोई तो हो जिसके लिए
जीना हो तो मरना पड़े
अरे मरना हो तो जीना पड़े

हो कोई तो हो मिल जाए तो
हे शाख़ों पे रख के ऐसे सजायें
आँखों में सारे मौसम बितायें
शबनम में भीगी बातें सुनायें
आँखों में सारे मौसम बितायें
के आँखों में कोई तो हो
जिसके लिए जीना हो तो मरना पड़े
अरे मरना हो तो जीना पड़े

ऐसा भी होगा इक रोज़ तो
जब तुम हमारे घर आओ तो
हो रुक जाएँ सारी दुनिया के रस्ते
आ जाएँ आँसू जब हँसते हँसते
फिर कहीं आना ना कहीं जाना
रुक जायें राहें मुड़ जायें रस्ते
के रस्ते में कोई तो हो
जिसके लिए जीना हो तो मरना पड़े
अरे मरना हो तो जीना पड़े
बड़ी मुश्किल है ये दिल बिल
ये दिल विल उफ़ अल्लाह
ये दिल विल उफ़ अल्लाह
ये दिल विल उफ़ अल्लाह
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Koi to ho-Chupke se 2003

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