Feb 13, 2018

ये दावा आज-लैला मजनू १९७६

प्रेमी प्रेमिकाओं के ऐतिहासिक किस्से रोचक हैं तो दु:खद भी.
लैला मजनू की कहानी काफी प्रसिद्ध है और इसपर कई फिल्मों
का निर्माण हो चुका है.

आज सुनते हैं फिल्म का एक कम सुना गया गीत जिसे रफ़ी ने
गाया है. बोल साहिर के हैं और संगीत जयदेव का. मदन मोहन
के निधन के बाद जयदेव ने फिल्म के २-३ गीत कम्पोज किये
थे, ये शायद उन्हीं में से एक है.




गीत के बोल:

क़ज़ा ज़ालिम सही
ये ज़ुल्म वो भी कर नहीं सकती
जहाँ में क़ैस ज़िंदा है
तो लैला मर नहीं सकती

ये दावा आज ये दावा आज
ये दावा आज दुनिया भर से मनवाने की ख़ातिर आ
ये दावा आज दुनिया भर से मनवाने की ख़ातिर आ
ये दावा आज दुनिया भर से मनवाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है ज़िद
ये दीवाने की ज़िद
हाँ ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ

तेरे दर से मैं खाली लौट जाऊँ क्या क़यामत है
तेरे दर से
तेरे दर से मैं खाली लौट जाऊँ क्या क़यामत है
तू मेरी रूह का काबा
तू मेरी रूह का काबा मेरी जान-ए-इबादत है
मेरी जान-ए-इबादत है
ज़बीन-ए-शौक ज़बीन-ए-शौक
ज़बीन-ए-शौक के सजदों को अपनाने की ख़ातिर आ
ज़बीन-ए-शौक के सजदों को अपनाने की ख़ातिर आ
ज़बीन-ए-शौक के सजदों को अपनाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ

मेरी दीवानगी
मेरी दीवानगी की मेरी वहशत की क़सम तुझको
मेरी दीवानगी की मेरी वहशत की क़सम तुझको
मेरी दीवानगी
ग़ुरूर-ए-इश्क़ की नाज़-ए-मोहब्बत की क़सम तुझको
ग़ुरूर-ए-इश्क़ की नाज़-ए-मोहब्बत की क़सम तुझको
ज़माने को ज़माने को
ज़माने को वफ़ा की शान दिखलाने की ख़ातिर आ
ज़माने को वफ़ा की शान दिखलाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है ज़िद
ये दीवाने की ज़िद है ज़िद है ज़िद है ज़िद
ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ

मैं तेरे हुस्न का सदका उतारूँ सामने आ जा
मैं तेरे हुस्न का सदका उतारूँ सामने आ जा
तू मेरे सामने आ जा तू मेरे सामने आ जा
गिरेबाँ धज्जियाँ कर कर के वारूँ सामने आ जा
गिरेबाँ धज्जियाँ कर कर के वारूँ सामने आ जा
शिकस्तापर शिकस्तापर
शिकस्तापर परेशाँ-हाल परवाने की ख़ातिर आ
शिकस्तापर परेशाँ-हाल परवाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ
ज़बीन-ए-शौक के सजदों को अपनाने की ख़ातिर आ
ज़माने को वफ़ा की शान दिखलाने की ख़ातिर आ
ये दीवाने की ज़िद है अपने दीवाने की ख़ातिर आ
तू बस एक बार आ अपने दीवाने की ख़ातिर आ
तू बस एक बार आ अपने दीवाने की ख़ातिर आ
तू बस एक बार
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Ye daava hai aaj-Laila Majnu 1976

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