कभी न बिगड़े किसी की मोटर-मोती महल १९५०
में हो चुका है तो फिल्मों के गीत भी विभिन्न विषयों और पहलुओं से
अछूते नहीं बचे हैं.
मोटर कार बिगड़ने के ऊपर भी एक गीत मौजूद है. कार की सर्विसिंग
पर एक गीत आपन सुन चुके हैं जिसमें कार सुधारने का जिक्र नहीं है.
वो गीत किशोर कुमार और मधुबाला पर फिल्माया गया है. गौरतलब
है इस गीत में ‘चलती का नाम गाडी’ शब्द भी आये हैं और उस फिल्म
की अभिनेत्री का नाम भी. ये गीत १९५२ की फिल्म का है.
प्रेम धवन की रचना है और हंसराज बहल का संगीत. सुरैया ने इसे
गाया है थोड़े अलग से अंदाज़ में.
गीत के बोल:
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
खड़े रहो बस बेबस होकर रस्ते में
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
कपड़े हों मैले मुँह काला काला
हो वो सुरैया या मधुबाला आ हा
हो वो सुरैया या मधुबाला
बड़े बड़े भी बन जाया करते हैं जोकर रस्ते में
बड़े बड़े भी बन जाया करते हैं जोकर रस्ते में
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
बार बार हैंडल बदलवाया
धक्के दे दे सर चकराया
धक्के दे दे सर चकराया
निकल गया है अपना तो कचूमर रस्ते में
निकल गया है अपना तो कचूमर रस्ते में
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
तेल पिलाया डाला पानी
पर ज़ालिम ने एक न मानी
पर ज़ालिम ने एक न मानी
याद आती है हमको नानी अब रो रो कर रस्ते में
याद आती है हमको नानी अब रो रो कर रस्ते में
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
सच कहती है दुनिया सारी
चलती का ही नाम है गाड़ी
चलती का ही नाम है गाड़ी
मोटर भी छकड़ा है जब हो जाये पंक्चर रस्ते में
मोटर भी छकड़ा है जब हो जाये पंक्चर रस्ते में
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
खड़े रहो बस बेबस होकर रस्ते में
कभी न बिगड़े किसी की मोटर रस्ते में
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Kabhi na bigde kisi ki motor-Moti mahal 1952
Artist: Suraiya
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टर्र
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