ये रात खुशनसीब है-आईना १९९३
१९९३ की फिल्म आईना से. समीर के बोल हैं और इस
गीत की धुन बनाई है दिलीप सेन समीर सेन की जोड़ी
ने.
जैकी श्रॉफ, अमृता सिंह और जूही चावला अभिनीत इस
फिल्म के गाने काफी बजे थे. फिल्म की कहानी एक हिट
फार्मूले पर आधारित है-प्रेम त्रिकोण. फार्मूला हिट है किन्तु
इस फार्मूले पर बनी हुई हर फिल्म हिट नहीं है.
गीत के बोल:
ये रात खुशनसीब है जो अपने चांद को
कलेजे से लगाये सो रही है
यहाँ तो ग़म की सेज पे हमारी आरज़ू
अकेली मूँह छुपाये रो रही है
ये रात खुशनसीब है जो अपने चांद को
कलेजे से लगाये सो रही है
साथी मैंने पा के तुझे खोया कैसा है ये अपना नसीब
हो ओ ओ तुझसे बिछड़ गई तो मैं यादें तेरी हैं मेरे करीब
हो ओ ओ तू मेरी वफ़ाओं में तू मेरी सदाओं में
तू मेरी दुआओं में
ये रात खुशनसीब है जो अपने चांद को
कलेजे से लगाये सो रही है
कटती नहीं हैं मेरी रातें कटते नहीं हैं मेरे दिन
हो ओ ओ मेरे सारे सपने अधूरे ज़िंधगी अधूरी तेरे बिन
हो ओ ओ ख्वाबों में निगाहों में प्यार के पनाहों में
आ छुपा ले बाहों में
ये रात खुशनसीब है जो अपने चांद को
कलेजे से लगाये सो रही है
यहाँ तो ग़म की सेज पे हमारी आरज़ू
अकेली मूँह छुपाये रो रही है
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Ye raat khushnaseeb hai-Aaina 1993
Artist: Amrita Singh, Jackie Shroff, Juhi Chawla
3 comments:
अच्छा गाना है.समीर को भी गुलज़ार वाले कीटाणु लग गए !
सारे कहाँ हैं. मुखड़े में हैं उसके बाद तो कुछ शैलेन्द्र के
थोड़े से योगेश के ज़रा से अनजान के हैं. बचे हुए उनके अपने हैं.
समीर ने तो सारे गीतकारों की स्टाईल का घोल बना रखा है.
सिरके और सोया सॉस की किसी गाने में कम किसी में ज्यादा.
बेखुदी, खुदी, कम खुदी,ज्यादा खुदी जैसे शब्द डालो और काम
चलाओ.
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