हम कितने नादान थे यारों-सितमगर १९८५
फिल्म सितमगर में किशोर के गाये हुए अलग अलग स्वाद
वाले गीत हैं और इनमें से एक दो काफी लोकप्रिय भी हुए.
आज सुनेंगे एक और गीत जो धर्मेन्द्र पर फिल्माया गया
है. बोल मजरूह के हैं और संगीत आर डी बर्मन का.
गीत के बोल:
हम कितने नादान थे यारों
आज ये समझे आज ये जाना
हम कितने नादान थे यारों
आज ये समझे आज ये जाना
सच है अगर तो एक मोहब्बत
झूठ है बाकी सारा फ़साना
हम कितने नादान थे यारों
आज ये समझे आज ये जाना
पड़ गए जैसे इन आँखों पे
ज़ुल्म के नफरत के परदे
पड़ गए जैसे इन आँखों पे
ज़ुल्म के नफरत के परदे
जिंदगी तेरा मुजरिम हूँ मैं
हो सके तो माफ कर दे
अंधी रात के अंधे सफर में
बीत गया जीने का ज़माना
हम कितने नादान थे यारों
आज ये समझे आज ये जाना
अब ये मोहब्बत का एहसान है
ये जो थोड़ी जान है मुझ में
अब ये मोहब्बत का एहसान है
ये जो थोड़ी जान है मुझ में
आप ही मैं जिसका कातिल हूँ
जिंदा वो इंसान है मुझमें
अब दिल के अरमान हैं क्या क्या
ये तो अभी देखेगा ज़माना
हम कितने नादान थे यारों
आज ये समझे आज ये जाना
सच है अगर तो एक मोहब्बत
झूठ है बाकी सारा फ़साना
हम कितने नादान थे यारों
आज ये समझे आज ये जाना
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Ham kitne nadaan the yaaron-Sitamgar 1985
Artist: Dharmendra
1 comments:
Thanks a lot
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