मेरी और उनकी प्रीत पुरानी-चाँद और सूरज १९६५
एक और सुन लेते हैं जब इतने सुन लिए हैं तो. आशा भोंसले
का गाया ये फिल्म का दूसरा एकल गीत है.
गीत शैलेन्द्र का है और संगीत सलिल चौधरी का. गीत में
बम्बई के दो स्थानों का जिक्र है-आरे जहाँ प्रसिद्ध मिल्क कॉलोनी
स्थित है और पवई जो अपनी झील और आई आई टी के लिए
प्रसिद्ध है.
गीत के बोल:
मेरी और उनकी प्रीत पुरानी
चल चल जाईया मुंबईला
मेरी और उनकी प्रीत पुरानी
चल चल जाईया मुंबईला
मुंबई नगरी सबसे प्यारी
वहीं बसे मन मीत मेरा
हाँ रे रामा जी जी जी जी जी
गई एक दिन पिया संग मैं आरे
गई एक दिन पिया संग मैं आरे
देखे रंगीन प्यारे नज़ारे
लगा फूलों के देश मैं आई
गई आगे तो देखी पवई
लगा फूलों के देश मैं आई
गई आगे तो देखी पवई
खुला नीला गगन
खुला नीला गगन मैं थी मैं थी मगन
वहीं सब कुछ मैं आई रख रख रख
मेरी और उनकी प्रीत पुरानी
चल चल जाईया मुंबईला
मुंबई नगरी सबसे प्यारी
वहीं बसे मन मीत मेरा
हाँ रे रामा जी जी जी जी जी
बंबई मेरे सपनों की रानी
बंबई मेरे सपनों की रानी
मेरे उनके मिलन की कहानी
तूने सच कर के सपने दिखाये
दो भटके हुए दिल मिलाये
तूने सच कर के सपने दिखाये
दो भटके हुए दिल मिलाये
रात दिन मैं तेरा हाय
रात दिन मैं तेरा नाम लूँगी सदा
ज़िंदगानी है ये जब तक तक तक
ओये मेरी और उनकी प्रीत पुरानी
चल चल जाईया मुंबईला
मुंबई नगरी सबसे प्यारी
वहीं बसे मन मीत मेरा
हाँ रे रामा जी जी जी जी जी
जी जी जी जी जी
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Meru aur unki preet purani-Chand aur Suraj 1965
Artists: Dharmendra, Tanuja, Madhumati
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