जा जा रे जा बालमवा-बसंत बहार १९५६
जीवन में तरह तरह के रस प्राप्त होते हैं उनमें से साहित्यिक रस
जैसे श्रृंगार रस, वीर रस इत्यादि प्राप्त होते हैं तो फलों के रस जैसे
आम का रस, गन्ने का रस भी प्राप्त होता है. रसास्वादन के लिए
सम्बंधित इंद्रिय के तंतु सक्रिय होना आवश्यक है.
सुनते हैं रस से भरपूर फिल्म बसंत बहार का क्लासिक गीत जिसे
लता मंगेशकर ने गाया है. शैलेन्द्र की रचना है और इसका संगीत
शंकर जयकिशन ने तैयार किया है. ऐसे गीतों को सुन कर फिल्म
मेरा नाम जोकर का वो गीत याद आ जाता है-जाने कहाँ गए वो
दिन.
गीत के बोल:
जा जा रे जा बालमवा
जा जा रे जा बालमवा
सौतन के संग रात बिताई
काहे करत अब झूठी बतियाँ
जा जा रे जा बालमवा
जा जा रे जा बालमवा
सौतन के संग रात बिताई
काहे करत अब झूठी बतियाँ
जा जा रे जा जा बालमवा
ग़ैर के घर करी रात जगाई
ग़ैर के घर करी रात जगाई
मोसे कहे तेरे बिना नींद न आई
मोसे कहे तेरे बिना नींद न आई
कैसो हरजाई दैया
जा जा रे जा बालमवा
जा जा रे जा बालमवा
सौतन के संग रात बिताई
काहे करत अब झूठी बतियाँ
जा जा रे जा जा बालमवा
काँधे लगा लाई बिंदिया किसी की
काँधे लगा लाई बिंदिया किसी की
जानूँ मैं चुराई तूने निंदिया किसी की
जानूँ मैं चुराई तूने निंदिया किसी की
लाज न आयी तोहे
जा रे जा जा रे जा
जा रे जा बालमवा
जा जा रे जा बालमवा
सौतन के संग रात बिताई
काहे करत अब झूठी बतियाँ
जा जा रे जा जा बालमवा
जा जा रे जा
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Ja ja re ja balmwa-Basant Bahar 1956
Artist: Kumkum
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