कहाँ है वो दीवाना-लोफर १९७३
आवाज़ में. आनंद बक्षी की रचना है और लक्ष्मी प्यारे
का संगीत.
गीत में गुब्बारों की दुकानें खुली हुई हैं. अगर कोई
गोंद-सरेस के ड्रम में कूद कर उड़ते गुब्बारों के बीच
से निकले तो ऐसी हालत हो ही जायेगी. ये नॉवेल
आइडिया निर्देशक के दिमाग में कहाँ से आया होगा?
तू तो उड़ जायेगा बोलते बोलते नायिका पलट जाती
है. ये कौन सी हवा की बात हो रही है? गाने में आगे
धिच्क्याऊँ धिच्क्याऊँ भी होती ई और बत्ती गुल हो
कर फिर चालू हो जाती है. इस २-३ सेकण्ड के अंतराल
में जादू से नायिका अपने कपडे भी बदल लेती है.
गीत के बोल:
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ ओ निशाना
कहाँ है कहाँ है
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना
मैं उसको ना छोडूंगी मैं उसका दिल तोडूंगी
दिल का रिश्ता जोड़ूंगी सुन ले ऐ ज़माना
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना
तू तो उड़ जायेगा मेरे दामन की हवा से
तू तो उड़ जायेगा मेरे दामन की हवा से
तुझपे चलाऊँ तीर क्या मैं अपनी निगाह से
और कोई मस्ताना है जो मेरा है दीवाना
वैसे तो अनजाना है पर दोस्त मेरा पुराना
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना
बातों से बचेगा मेरी घातों से बचेगा
बातों से बचेगा मेरी घातों से बचेगा
कब तक वो मस्ताना मुलाकातों से बचेगा
चाकरी बसीने का दिल काबू से छिनेगा
एक न एक दिन मिलने का बन जायेगा बहाना
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना
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Kahana hai wo deewana-Loafer 1973
Artists: Padma Khanna, Rupesh Kumar, Dharmendra
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