लोग कहते हैं अजनबी तुम हो-आबशार-ए-ग़ज़ल
भी नामचीन शायर और कवि हो जाता. सरल शब्दों वाली
बशीर बद्र की एक रचना सुनिए आशा भोंसले की आवाज़ में.
इसकी धुन उम्दा है.
आबशार-ए-ग़ज़ल नाम के एल्बम के लिए इसका संगीत
तैयार किया है हरिहरन ने. वही हरिहरन जो प्रसिद्ध गायक
हैं. शास्त्रीय संगीत की में शिक्षित हरिहरन काफी समर्थवान
हैं और मुझे लगता है वे कुछ और सेवा भी दे सकते हैं
संगीत के क्षेत्र को. बहरहाल उन्होंने अपना शौक इस एल्बम
के ज़रिये पूरा किया जो सराहनीय है.
गीत के बोल:
लोग कहते हैं अजनबी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िंदगी तुम हो
दिल किसी और का न हो पाया
आरज़ू मेरी आज भी तुम हो
मुझको अपना शरीक-ए-ग़म कर लो
यूँ अकेले बहुत दुखी तुम हो
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
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Log kehte hain ajnabi tum ho-Non film song
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