नींद परी लोरी गाये-चार दीवारी १९६१
भौं भौं भौं भौं की ध्वनियों से भी सुला सकते थे. आज
के बच्चे सयाने हैं. उन्हें सोने के लिए क्या चाहिए इस
बात पर आज के पेरेंट्स कोई जादुई फार्मूला नहीं खोज
पाए हैं. हो सकता है व्हट्सआइप के गुड नाईट देख के
सो जाएँ.
कई माओं को मैंने गुस्से में सो जा मेरे लाल पीले काले
नीले ..............................तक पहुँचते देखा है इस
युग में. धैर्य गुम होता जा रहा है सभी पीढ़ियों में.
सलिल चौधरी के इस गीत में आपको थोड़ी-सी जटिलता
मिलेगी. अभी तक हमने किसी बच्चे पर एक्सपेरिमेंट
नहीं किया इसे सुना कर सुलाने का. अलबत्ता हमें ज़रूर
इसे सुन कर नींद आ जाती है. वाह वाह तालियाँ.
गीत लिखा है शैलेन्द्र ने और इसे लता मंगेशकर ने
गाया है.
गीत के बोल:
नींद पारी लोरी गाये
माँ झुलाए पालना
सो जा मेरे लालना
सो जा मेरे लालना
मीठे मीठे सपनों में
सो जा मेरे लालना
नींद पारी लोरी गाये
तूने मेरे मदभरे सपनों को रंग डाला
तूने मेरे मदभरे सपनों को रंग डाला
तेरी दोनों आँखों में दुनिया का उजियाला
उजियाला
तू जो हँसे झिलमिलाये दीपमाला
नींद पारी लोरी गाये
माँ झूला झुलाए पालना
सो जा मेरे लालना
सो जा मेरे लालना
मीठे मीठे सपनों में
सो जा मेरे लालना
नींद पारी लोरी गाये
तू ना होता जिंदगी में आहें होती सूनी सूनी
तू ना होता जिंदगी में आहें होती सूनी सूनी
फैली फैली ममता की बाहें होतीं सूनी सूनी
सूनी सूनी
होती मेरे दिल की राहें सूनी सूनी
नींद पारी लोरी गाये
माँ झुलाए पालना
सो जा मेरे लालना
सो जा मेरे लालना
मीठे मीठे सपनों में
सो जा मेरे लालना
सो जा मेरे लालना
नींद पारी लोरी गाये
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Neend pari lori gaaye-Char Diwari 1961
Artist: Nanda
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