सुन बलिये नी बलिये-ज़ुल्म का बदला १९८५
ज़ुल्म का बदला से. इसे लिखा है कुलवंत जानी ने और
इसकी धुन तैयार की है सोनिक ओमी ने. इसे संगीतकार
जोड़ी में से एक ओमी ने चंद्राणी मुखर्जी संग गाया है
इसे किस पर फिल्माया गया है उस पर आप चाहें तो
रिसर्च कर सकते हैं, सारे साधन मौजूद है नेट पर.
गीत के बोल:
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
बाबुल का घर छोड़ के अब जाना होगा
अपने पिया का अँगना सजाना होगा
ये जन्मों का बंधन निभाना होगा
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
तू सास ससुर को माँ बाप समझना
बिन कहे पति की हर बात समझना
और अगले बरस में तेरी गोद भरेगी
हर दिल पर जा के तू राज करेगी
हो साजन का दिल हरदम बहलना होगा
फूलो से वो गुलशन सजाना होगा
ये जन्मों का बंधन निभाना होगा
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
तुझे पा के अकेली अब पकड़ेंगे सैयां
और बाहों में कस के फिर जकड़ेंगे सैयां
तेरी मांग भरी है अब सेज सजेगी
तू आज कली है कल फूल बनेगी
हो पहले पहले थोडा शर्माना होगा
फिर सैयां के दिल में बस जाना होगा
ये जन्मों का बंधन निभाना होगा
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
मा बाप छूटेंगे दिलदार मिलेगा
ससुराल में तुझको हर प्यार मिलेगा
उस द्वार से भी दुःख अब दूर रहेंगे
जिस द्वार से बहना तेरा द्वार मिलेगा
ओ घर को अपने मंदिर बनाना होगा
मन मंदिर में पी को बिठाना होगा
ये जन्मों का बंधन निभाना होगा
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
ओ बाबुल का घर छोड़ के अब जाना होगा
ये जन्मों का बंधन निभाना होगा
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नी सजना के चलिये
सुन बलिये नी बलिये नी बलिये
चल चलिये नइ सजना के चलिये
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Sun baliye ni baliye-Zulm ka badla 1985
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