Jul 20, 2018

तेरे जीवन का है-कर्मयोगी १९७८

काल का पहिया घूमे रे भैया लाख तरह इंसान चले. इस गीत
को आपने ज़रूर सुन होगा फिल्म चंदा और बिजली से जिसे
मन्ना डे ने गाया है. जीवन का सार है उसमें. कवि नीरज
की ये पंक्तियाँ आज याद हो आयीं.

जीवन दर्शन पर कई गीत बने हैं हिंदी फिल्म संगीत जगत में.
इनमें से कई तो अनमोल धरोहर जैसे हैं. सभी प्रमुख गीतकारों
ने ऐसे गीत लिखे हैं. शब्द चयन चाहे अलग हो मगर उनका
अर्थ लगभग समान मिलेगा आपको.

आज सुनते हैं सन १९७८ की फिल्म कर्मयोगी से एक गीत जिसे
मन्ना डे ने गाया है. वर्मा मलिक की रचना है और इसका संगीत
तैयार किया है कल्याणजी आनंदजी ने.




गीत के बोल:

तेरे जीवन का है कर्मों से नाता
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता
तू ही अपना भाग्य विधाता
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता

आज तू जिसको अच्छा समझे जान ले उसका कल क्या है
कल क्या है
सोच ले चलने से पहले तू उन राहों की मंजिल क्या है
मंजिल क्या है
जो भी किया है आगे आता तू इतना भी सोच न पाता
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा तू कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
हो ओ ओ ओ ओ
देना होगा तिल तिल का लेखा
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता

माना के काले कर्मों से तुझको खुशियाँ और सुख मिलता है
खुशियाँ और सुख मिलता है
आसमान को छूने वाले ये कितने दिन चलता है
कितने दिन चलता है
काहे रेत के महल बनाता झूठे बल से तू क्यूँ इतराता
हो ओ ओ ओ ओ ओ
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
हो ओ ओ ओ ओ ओ
देना होगा तिल तिल का लेखा
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता
तू ही अपना भाग्य विधाता
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा.
..................................................................
Tere jeevan ka hai-Karmyogi 1978

Artist: Rajkumar

2 comments:

प्रणव झा,  August 10, 2019 at 4:02 PM  

सत्य वचन

Geetsangeet August 10, 2019 at 8:18 PM  

टिप्पणियों की बौछार के लिए धन्यवाद.
बहुत दिन से सूखा चल रहा था.

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