उन्हें खो कर...वो और भी-आरज़ू १९५०
में ये नाम ज़रूर मिलेंगे. सन १९५० की फिल्म आरज़ू
के शीर्षक गीत हम आज आपको सुनवा रहे हैं. शुरू की
दो पंक्तियों में फिल्म का नाम आया है. उसके बाद इसे
आप ढूंढते रह जायेंगे.
गीत मजरूह का है और संगीत अनिल बिश्वास का. इस
फिल्म में लता के ढेर सारे गाने हैं. कभी कभी ऐसा
लगता है मानो संगीतकार को यकीन नहीं के गायक
गानों के लिए बाद में स्टूडियो आने वाला हो, जितने गाने
गवाना है इकट्ठे गवा लो.
गीत के बोल:
उन्हें खो कर उन्हीं की आरज़ू है किसलिये दिल को
है कौन ऐसा जो अब आसान कर दे मेरी मुश्किल को
उन्हें हम जो दिल से भुलाने लगे
उन्हें हम जो दिल से भुलाने लगे
वो कुछ और भी याद आने लगे
वो कुछ और भी याद
न पूछो न पूछो हमें क्या हुआ
न पूछो न पूछो हमें क्या हुआ
लगी ठेस आँसू बहाने लगे
लगी ठेस आँसू बहाने लगे
वो कुछ और भी याद
जिये हाय मर मर के हम इस तरह
जिये हाय मर मर के हम इस तरह
चले ना और डगमगाने लगे
चले ना और डगमगाने लगे
वो कुछ और भी याद
ज़माना हुआ जिनको बीते वो दिन
ज़माना हुआ जिनको बीते वो दिन
घटा बन के आँखों में छाने लगे
घटा बन के आँखों में छाने लगे
वो कुछ और भी याद आने लगे
वो कुछ और भी याद
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Wo kuchh aur yaad-Arzoo 1950
Artist: Kamini Kaushal
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