धीरे धीरे हौसला बढ़ाना है-फूल और कांटे १९९१
ने बतलाया कि दर्द नहीं हो रहा हो तो हाथ पर हथौड़ा
मार लीजिए शर्तिया दर्द होने लगेगा. ये तो कृतिम
तरीका हुआ मगर अपने आप उठने वाला दर्द कितना
और किस प्रमाण में होगा ये समझना मुश्किल है.
गीतों में दर्द का भाव उभारने के लिये अक्सर बांसुरी,
वायलिन, सारंगी और सरोद का प्रयोग किया जाता है.
जब गाने वालों की आवाज़ में दर्द के भाव ना आ पाते
हों, हीरो हीरोईन से भी एक्टिंग ना बन रही हो तब तो
गीत में ऐसी आवाजें घुसेड़ना अतिआवश्यक हो जाता है.
गीत के बोल:
आंसू ना बहायेंगे हंसी ढूंढ लायेंगे
मिल जुल के बाँट लेंगे जिंदगी के गम
आंसू ना बहायेंगे हंसी ढूंढ लायेंगे
मिल जुल के बाँट लेंगे जिंदगी के गम
बच के कहाँ जायेगी खुशियाँ लौट आयेंगी
हारेंगे न वक्त की इन आंधियों से हम
धीरे धीरे हौसला बढ़ाना है हद से गुज़र जाना है
धीरे धीरे प्यार को बढ़ाना है हद से गुज़र जाना है
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Dheere dheere hausla badhana hai-Phool aur Kaante 1991
Artists: Ajay Devgan, Madhu
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