मनभावन मनभावन लो सावन-बंधन १९४०
करता था. इस गीत को ही ले लीजिए कितना पुराना
है. २०१८ तक हिसाब लगाएं तो इसे बने ७८ साल हो
चुके हैं.
सुनते हैं लीला चिटनिस का ही गाया एक और गीत
फिल्म बंधन से जिसे कवि प्रदीप ने लिखा है और
जिसकी तर्ज़ बनाई है सरस्वती देवी ने.
गीत के बोल:
मनभावन मनभावन लो सावन आया रे
मनभावन मनभावन लो सावन आया रे
बन-बन उपवन कुंज-कुंज में गुंजन छाया रे
लो सावन आया रे मनभावन मनभावन
रिमझिम-रिमझिम गाता आया
सरगम सकल सुनाता आया
नया सन्देसा नई आस नवजीवन लाया रे
नया सन्देसा नई आस नवजीवन लाया रे
लो सावन आया रे मनभावन मनभावन
मगन हुई हंसों की टोली
दुनिया प्रेम-हिण्डोले डोली
मगन हुई हंसों की टोली
दुनिया प्रेम-हिण्डोले डोली
डाल पे बैठी बुलबुल बोली सावन आया रे
डाल पे बैठी बुलबुल बोली सावन आया रे
लो सावन आया रे
मनभावन मनभावन लो सावन आया रे
मनभावन मनभावन लो सावन आया रे
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Manbhawan manbhawan lo-Bandhan 1940
Artist: Ashok Kumar, Leela Chitnis
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