धीरे धीरे चल चाँद गगन में-लव मैरिज १९५९
है मगर इसका अर्थ है कुछ कुछ वैसा ही. फिल्म गैम्बलर के
गीत पर चर्चा के समय हमने दृष्टिकोण पर थोड़ी टॉर्च घुमाई
थी. शब्द हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं. अक्सर हम
बिना सोचे समझे और बिना अर्थ समझे उनका प्रयोग करते
रहते हैं. जैसे एक शब्द है पेटीकोट जिसमें ना तो पेटी है और
ना ही कोट. गुलाब जामुन में ना ही गुलाब है और ना ही जामुन.
वैसे एक बार हमें किसी बेवडे ज्ञानी ने बतलाया था कि इस
मिठाई का नाम देसी दारु के ठेके पर रखा गया था. वहाँ पर
गुलाबी और नारंगी जैसी कुछ चीज़ें मिला करती हैं.
फिल्मों से हमने एक शब्द सीखा है. हमने क्या बहुतों ने सीखा
है और प्रयोग भी किया है. फ़िल्मी हीरो ना होते तो हम बहुत
कुछ सीखने से वंचित रह जाते. ये शब्द है-लाईन मारना. जो
थोड़े सीधे किस्म के और लकीर पर फ़कीर की तरह चलने वाले
हुआ करते थे उनके दिमाग में ये ज़रूर ही कौंधता था-ये लाईन
किस चीज़ का नाम है. बिजली की तारों वाली लाइन या फिर
मट्टी के तेल को प्राप्त करने के लिए लगने वाली लंबी लाईन.
लाईन तो फिल्म के टिकट को प्राप्त करने के लिए भी लगती
थी किस ज़माने में जिसमें काफी धींगामुश्ती होती थी और जो
पहला शो पहली टिकट प्राप्त कर लेता था उसे लगता था मानो
उसने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर ली हो.
गीत सुनते हैं फिल्म लव मैरिज से देव आनंद और माला सिन्हा
पर फिल्माया गया जिसे रफ़ी और लता ने गाया है.
गीत के बोल:
धीरे धीरे चल चाँद गगन में
धीरे धीरे चल चाँद गगन में
धीरे धीरे चल चाँद गगन में
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात टूट ना जाए सपने
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात टूट ना जाए सपने
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो है मीठी छुरी ये ज़ालिम नज़र तुम्हारी
तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो है मीठी छुरी ये ज़ालिम नज़र तुम्हारी
गुनगुन गूंजे राग आज पवन में
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात टूट ना जाए सपने
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
वो क्या चीज़ थी मिला के नज़र पिला दी
हो हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
वो क्या चीज़ थी मिला के नज़र पिला दी
हो हुआ वो असर के हमने नज़र झुका दी
अरे होंगी दो दो बात आज मिलन में
धीरे धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात टूट ना जाए सपने
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
दो दिल मिल गए दिए जल गए हजारों
हो अजी तुम मिल गए तो गुल खिल गए हजारों
दो दिल मिल गए दिए जल गए हजारों
हो अजी तुम मिल गए तो गुल खिल गए हजारों
रिमझिम बरसे प्यार आज चमन में
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात टूट ना जाए सपने
अरे धीरे धीरे चल चाँद गगन में
धीरे धीरे चल
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Dheere dheere chal chand gagan mein-Love marriage 1959
Artists: Dev Anand, Mala Sinha
1 comments:
बढ़िया थ्योरी है जी
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