Nov 20, 2018

हम बेवफ़ा हरगिज़ न थे-शालिमार १९७८

फिल्म के सबसे लोकप्रिय तीन गीतों में से एक है ये जो
फिल्म में दो तर्जुमे में उपलब्ध है. किशोर कुमार का गाया
गीत धर्मेन्द्र पर फिल्माया गया है.

आनंद बक्षी की रचना है और आर डी बर्मन का संगीत. गीत
के विशेष बोल-झींगा ला ला दूं हम नहीं दे रहे हैं. वो यहाँ
विशेष मकसद से घूमने वाले विशेष लोग खुद सुनें और लिखें.




गीत के बोल:

हम बेवफ़ा हरगिज़ न थे
पर हम वफ़ा कर ना सके
हमको मिली उसकी सजा
हम जो ख़ता कर ना सके
हम बेवफ़ा हरगिज़ न थे
पर हम वफ़ा कर ना सके

कितनी अकेली थी वो राहें हम जिनपे
अब तक अकेले चलते रहें
तुझसे बिछड़ के भी ओ बेखबर
तेरे ही ग़म में जलते रहें
तूने किया जो शिकवा
हम वो गिला कर ना सके

हम बेवफ़ा हरगिज़ न थे
पर हम वफ़ा कर ना सके

तुमने जो देखा सुना सच था मगर
कितना था सच ये किसको पता
जाने तुम्हें मैने कोई धोखा दिया
जाने तुम्हें कोई धोखा हुआ
इस प्यार में सच झूठ का
तुम फ़ैसला कर ना सके

हम बेवफ़ा हरगिज़ न थे
पर हम वफ़ा कर ना सके
………………………………………………
Ham bewafa hargiz na the-Shalimar 1978

Artist: Dharmendra

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