Nov 9, 2018

कभी पलकों पे आंसू है-हरजाई १९८१

ठहरी हो, सहमी सी हो या ठिठुरती हुई जिंदगी तो
जिंदगी है. इसमें खुशियों के झरने हैं तो दुखों के
पहाड़ भी हैं. जीना तो है चाहे हंस के जियो या रो
के. कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता.
जिंदगी कैसी है पहेली हाय. आशा है तो जीवन है.
इसलिए मुस्कुरा के जियो, हंस के जियो. जो तुम
हंसोगे तो हँसेगी ये दुनिया. रोने पर सब साथ छोड़
जायेंगे सिवाए बेहद करीबियों के.

जो आता है वो जाता है की पुष्टि एक बार फिर करता
ये गीत लिखा है निदा फाज़ली ने. किशोर कुमार के
गाये सबसे उम्दा गीतों में से एक जिसका हर एक
पुर्जा लाजवाब है. इसकी नशीली धुन तैयार की है
पंचम ने.


गीत के बोल:

कभी पलकों पे आंसू है
कभी लब पे शिकायत है
मगर ऐ ज़िन्दगी फिर भी
मुझे तुझसे मोहब्बत है
कभी पलकों पे आंसू है

कभी लब पे शिकायत है
मगर ऐ ज़िन्दगी फिर भी
मुझे तुझसे मोहब्बत है
कभी पलकों पे आंसू है
……………………………………………
Kabhi palkon pe aansoo hain-Harjai 1980

Artist: Randhir Kapoor

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