पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर-कन्यादान १९६८
सुनवाया है लता मंगेशकर की आवाज़ में-हिल गये
हिल गये आज मेरे सनम. इसी फिल्म से लता का
गाया दूसरा सोलो गीत सुनते हैं जो ज़्यादा पॉपुलर
है.
हसरत जयपुरी की रचना है और शंकर जयकिशन का
संगीत. वैसे इस गीत की ध्वनियाँ अपने आप बतलाती
हैं कि ये शंकर जयकिशन की धुन है.
फिल्म तेरे घर के सामने में हमने नायिका को पानी के
गिलास में गाना गाते देखा. इस फिल्म में नायिका को
ऐश-ट्रे के इर्द गिर्द नाचते और गाते देखिये.
गीत के बोल:
पराई हूँ पराई हाँ हाँ
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
ना मिल सकूंगी तुझको मेरी जुस्तजू न कर
ना मिल सकूंगी तुझको मेरी जुस्तजू न कर
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
मेरे ख़याल में खोने से फ़ायदा क्या है
मेरे ख़याल में खोने से फ़ायदा क्या है
हंसी के पर्दे में रोने से फ़ायदा क्या है
उदास दिल को डुबोने से फ़ायदा क्या है
उदास दिल को डुबोने से फ़ायदा क्या है
जो मुझपे बोझ हो ऐसी तू गुफ़्तगू न कर
पराई हूँ पराई हाँ हाँ
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
ना मिल सकूंगी तुझको मेरी जुस्तजू न कर
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
तुझे खबर है के मेरी बारात आई थी
तुझे खबर है के मेरी बारात आई थी
हर एक फूल ने शहनाई सी बजाई थी
हसीन तारों ने डोली मेरी सजाई थी
हसीन तारों ने डोली मेरी सजाई थी
किसी की हो चुकी बदनाम आबरू न कर
पराई हूँ पराई हाँ हाँ
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
ना मिल सकूंगी तुझको मेरी जुस्तजू न कर
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
जो मेरा फ़र्ज़ था मैंने उसे निभाया है
जो मेरा फ़र्ज़ था मैंने उसे निभाया है
ख़ुशी समाज की रखी ये दिल मिटाया है
वफ़ा की राह में एक दीप सा जलाया है
वफ़ा की राह में एक दीप सा जलाया है
मेरे ख़याल को तू अपने रुबरु न कर
पराई हूँ पराई हाँ हाँ
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
ना मिल सकूंगी तुझको मेरी जुस्तजू न कर
पराई हूँ पराई मेरी आरज़ू न कर
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Parayi hoon parayi-Kanyadan 1968
Artists: Shashi Kapoor, Asha Parekh
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