जीने को तो जीते हैं सभी-ये वादा रहा १९८२
नया ज़रूर मिलेगा. आईडिया और एक्जीक्यूशन में कई बार कुछ
कमी सी महसूस होती है. कुछ गीत ऐसे हैं जिनमें जोर शोर से
शुरुआत होती है और दूसरी लाइन में जैसे गरम प्रेस को ठन्डे
पानी में डाल दें तो छौं जैसी आवाज़ आती है-ऐसा कुछ हो जाता
है.
गीत की शुरुआत और मुखडा कर्णप्रिय हैं मगर एक पंक्ति जो
है वो किसी ग़ज़ल के हिस्से जैसी है. तारीफ़ के लिए कहें तो
ये तो हो गया २-इन १ सोंग. मगर वो कानों को खटकने वाली
बात, जिस पर कभी ये इच्छा हुई थी कि संगीतकार से खुद ही
पूछ लूं ऐसा क्यूँ है.
पंचम ने एक बार कहीं संगीतकार जोड़ियों की बात पर अपने
विचार व्यक्त किये थे तब उन्हें भी एक जोडीदार की कमी खली
इस बात का जिक्र मिलता है. खैर एक अकेले ने ही इतना काम
कर लिया वही आगे आने वाले संगीतकारों की कई पीढ़ियों
का प्रेरणास्रोत बना रहेगा.
गीत गुलशन बावरा का है और इसे किशोर कुमार संग गाया है
आशा भोंसले ने. प्रेरणादायी गीत है जिसकी पञ्च लाइन है-
रहेंगे दिलों में जो बांटे सबकी हंसी.
गीत के बोल:
हे हे हे हे हे
जीने को तो जीते हैं सभी
प्यार बिना कैसी जिंदगी
जीने को तो जीते हैं सभी
प्यार बिना कैसी जिंदगी
आओ मिल जुल के दुःख सुख बांटें
क्यों हम रहें अजनबी
हमसफ़र हैं सभी
जीने को तो जीते हैं सभी
प्यार बिना कैसी जिंदगी
आओ मिल जुल के दुःख सुख बांटें
क्यों हम रहें अजनबी
हमसफ़र हैं सभी
सुर में हमारे आ के सुर तो मिला
प्यार भरे नगमे ज़माने को सुना
सुर में हमारे आ के सुर तो मिला
प्यार भरे नगमे ज़माने को सुना
लुटा दे किसी के लिए तू अपनी खुशी
जीने को तो जीते हैं सभी
प्यार बिना कैसी जिंदगी
आओ मिल जुल के दुःख सुख बांटें
क्यों हम रहें अजनबी
हमसफ़र हैं सभी
ला ला ला ला हे हे हे
ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला
अपने लिये जो भी जीते हैं यहाँ
उनको भुला दे एक पल में जहां
अपने लिये जो भी जीते हैं यहाँ
उनको भुला दे एक पल में जहां
रहेंगे दिलों में जो बांटे सबको हंसी
जीने को तो जीते हैं सभी
प्यार बिना कैसी जिंदगी
आओ मिल जुल के दुःख सुख बांटें
क्यों हम रहें अजनबी
हमसफ़र हैं सभी
जीने को तो जीते हैं सभी
शिकवे गिले भी हैं प्यार की अदा
क्यों ना भुला दें जो भी हुआ
शिकवे गिले भी हैं प्यार की अदा
क्यों ना भुला दें जो भी हुआ
मिलेंगे दिलों में जला के लौ प्यार की
जीने को तो जीते हैं सभी
प्यार बिना कैसी जिंदगी
आओ मिल जुल के दुःख सुख बांटें
क्यों हम रहें अजनबी
हमसफ़र हैं सभी
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Jeene ko to jeete hain sabhi-Ye vada raha 1982
Artists: Rishi Kapoor, Tina Munim
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