Jan 7, 2019

अरी मुनिया री मुनिया-बचपन १९७०

बचपन के दिन, सुहाने दिन, बेफिक्री के दिन. हमारी
चिंता में घर वाले घुले जाते हैं. दुलारों के संग दुलार
किया जाता है और कुंवारों के संग ?? टीन-एज में
आते ही दुनिया बदलने लगती है, विद्रोह और क्रांति
करने को जी चाहता है. ऊर्जा स्तर अपने चरम पर
होता है. इस समय जो दिशा मिल जाए जीवन वहीँ
को हो लेता है.

सन १९७० की फिल्म बचपन में कितना बचपन था
और कितना पचपन ये तो फिल्म देखने पर ही पता
चलेगा, हम तो आपको लगे हाथ इसका गीत सुनवाये
देते हैं.

आनंद बक्षी की रचना, लक्ष्मी प्यारे का संगीत और
किशोर कुमार की आवाज़ इस गीत के स्पेसिफिकेशंस
हैं. संजीव कुमार इसे परदे पर गा रहे हैं.



गीत के बोल:

अरी मुनिया री मुनिया तू बता मैं कौन हूँ
अरी दुनिया री दुनिया तू बता मैं कौन हूँ
अरी मुनिया री मुनिया तू बता मैं कौन हूँ
अरी दुनिया री दुनिया तू बता मैं कौन हूँ
सिकंदर हूँ कलंदर हूँ मछंदर हूँ के बंदर हूँ
पहचानो जानो मैं कौन हूँ
पहचानो जानो मैं कौन हूँ


बहरूपियों का जग डेरा है
बहरूपियों का जग डेरा है चेहरे के अंदर चेहरा है
बाहर वाला है दुनिया का और अंदर वाला मेरा है
जुआरी हूँ पुजारी हूँ भिखारी हूँ शिकारी हूँ
पहचानो जानो मैं कौन हूँ
अरी मुनिया री मुनिया तू बता मैं कौन हूँ
अरी दुनिया री दुनिया तू बता मैं कौन हूँ
सिकंदर हूँ कलंदर हूँ मछंदर हूँ के बंदर हूँ
पहचानो जानो मैं कौन हूँ
पहचानो जानो मैं कौन हूँ

मैं कोई खिलौने वाला हूँ
मैं कोई खिलौने वाला हूँ या जादू टोने वाला हूँ
देखो ना तंग करो मुझको वरना मैं रोने वाला हूँ
मैं झूठा हूँ के सच्चा हूँ मैं बच्चा हूँ के काशी चच्चा हूँ
पहचानो जानो मैं कौन हूँ
पहचानो जानो मैं कौन हूँ
……………………………………………..
Ari muniya ri muniya-Bachpan 1970

Artists: Sanjeev Kumar, kids

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