फिर आह दिल से निकली-मेला १९४८
ज़ोहराबाई अम्बालेवाली ने गाया है.
जिगर से लहू टपकना काफी सीवियर कंडीशन होती है.
उसे प्रतीकात्मक रूप से गीत में उपयोग करने का अर्थ
है कि तकलीफ़ बेइंतिहा है.
गीत के बोल सरल हैं इसलिए असर भी ज्यादा करते
हैं.
गीत के बोल:
फिर आह दिल से निकली टपका लहू जिगर से
शायद वो जा रहे हैं छुप कर मेरी नज़र से
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Phir aah dil se nikli-Mela 1948
Artist: Nargis, Dilip Kumar
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