बहारों से पूछो-मेरा घर मेरे बच्चे १९६०
यही जो आज आपको सुनवा रहा हूँ और दूसरा सलमान की फिल्म
कुर्बान का-दीवानों से पूछो. याद तो और भी हैं मगर सबसे ज्यादा
यही दो ध्यान आते हैं.
मेरा घर मेरे बच्चे का गीत एक भाई साहब यूँ गुनगुनाते थे-बहारों
से पूछो दे विल टेल यू. आगे की लाइनें ब्ला ब्ला ब्ला. इस वजह से
याद हो गया और फिल्म कुर्बान के गीत में हमने ही फिट कर दिया-
दे विल टेल यू उन भाई साहब के स्मरण में. ऐसे दिमागी स्फुरण
स्वतः होते हैं और संगीत प्रेमियों के दिमाग में ज़रूर होते हैं मगर ऐसे
दिमागी स्फुरण सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित होते आपने केवल मिमिक्री
शो वगैरह में देखा होगा.
गीत की बात करें जिसे मुकेश संग सुमन कल्याणपुर ने गाया है.
गीत में आपको सुबिराज और नाज़ की जोड़ी दिखलाई देगी जो असल
जीवन में भी जोड़ी है. सुबीरज पर फिल्माया एक गीत आपको हमने
सुनवाया था कुछ दिन पहले. हसरत जैपुरी के लिखे गीत पर एक
निहायत रूमानी तर्ज़ बनाई है सरदार मलिक ने. गीत की गति कम
है मगर निरंतरता शानदार है इसकी.
गीत के बोल:
बहारों से पूछो मेरे प्यार को तुम
तुम्हारे तराने हम गा रहे हैं
नजारों से पूछो मेरे प्यार को तुम
तुम्हारे लिए हम जिए जा रहे हैं
बहारों से पूछो
कभी मैं पपीहा तुम्हारे लिए हूँ
कभी मैं चकोर तुम्हारे लिए हूँ
अजी मैं भी कोयल तुम्हारे लिए हूँ
मोहब्बत में पागल तुम्हारे लिए हूँ
मेरे प्यार ने ही दिया रूप तुमको
ये गुंचे तुम्हारे जो नज़र आ रहे हैं
नजारों से पूछो
अगर जान तुम हो तो हम भी तो दिल हैं
भरे हैं हज़ारों मोहब्बत के अरमान
अगर तुम हो सागर तो मैं भी हूँ नदिया
है दोनों दिलों में मोहब्बत के तूफ़ान
मेरे प्यार का कोई किनारा नहीं है
तेरे प्यार में हम बहे जा रहे हैं
बहारों से पूछो
ये उड़ती घटायें मस्ती लुटाएं
जैसे तुम्हारी शराबी निगाहें
ये ठंडी हवा भरती है आहें
समझो इन्हें तुम हमारी सदाएं
फिजाओं में देखो ये बादल नहीं है
ये आँचल तुम्हारा लहरा रहा है
बहारों से पूछो मेरे प्यार को तुम
तुम्हारे तराने हम गा रहे हैं
नजारों से पूछो मेरे प्यार को तुम
तुम्हारे लिए हम जिए जा रहे हैं
बहारों से पूछो
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Baharon se poochho-Mera ghar mere bachche 1960
Artists: Subiraj, Naaz
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