छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए-सरस्वती चंद्र १९६८
उनके फ़िल्मी गानों में आपको दोनों भाषाओँ का अनुपातिक
सम्मिश्रण मिलेगा. ये बात स्वयं इन्दीवर ने एक साक्षात्कार
के दौरान स्वीकारी थी. फिल्म सरस्वती चन्द्र का कथानक
रोने धोने फेमिली ड्रामा से अलग हट के था. उसके लिए गीत
रचना भी एक चैलेन्ज जैसा ही काम था. कल्याणजी आनंदजी
ने उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें गीत लिखने का जिम्मा
सौंप दिया और उसके बाद का इतिहास हामारे सामने है.
सरस्वती चंद्र के तो गीत भी क्लासिक गीत कहे जाते हैं.
सुनते हैं लता मंगेशकर की आवाज़ में ये नायाब गीत जो
प्रेरणादायक है और इसे हर निराश प्रेमी को एक बार अवश्य
सुनना चाहिए. किसी ने कहा भी है-और भी गम हैं मोहब्बत
के सिवा इस ज़माने में.
गीत के बोल:
कहाँ चला ए मेरे जोगी
जीवन से तू भाग के
किसी एक दिल के कारण
यूँ सारी दुनिया त्याग के
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं
प्यार सब कुछ नहीं जिंदगी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
तन से तन का मिलन हो ना पाया तो क्या
मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं
खुशबू आती रहे दूर ही से सही
सामने हो चमन कोई कम तो नहीं
चाँद मिलता नहीं सबको संसार में
है दिया ही बहुत रौशनी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
कितनी हसरत से तकती हैं कलियाँ तुम्हे
क्यूँ बहारों को फिर से बुलाते नहीं
एक दुनिया उजड़ ही गयी है तो क्या
दूसरा तुम जहां क्यूँ बसाते नहीं
दिल ने चाहा भी तो साथ संसार के
चलना पड़ता है सबकी खुशी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं
प्यार सब कुछ नहीं जिंदगी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
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Chhod de saari duniya kisi ke liye-Saraswati Chandra 1968
Artist: Nutan
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