छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा-ममता १९६६
लिहाज से बात कर रहे हैं. ममता एक सफलफिल्म रही. फिल्म में
अशोक कुमार, सुचित्रा सेन और धर्मेन्द्र के अलावा लगभग सभी
अन्य कलाकारों ने अपना अच्छा योगदान दिया है इस फिल्म में.
आज हम इस फिल्म से एक युगल गीत सुनेंगे जो कि एक बढ़िया
युगल गीत माना जाता है. ये गाना वाकई अच्छा है और मधुर है. गीत
में मंदिर शब्द के प्रयोग से ही इसे कई संगीत प्रेमी अलौकिक और
अन्य जाने क्या-क्या उपमाएं दे दिया करते हैं.
हाँ, इसकी धुन अवश्य हमें अलौकिक सा एहसास कराती हैं क्यूंकि इस
गीत में तबियत से घंटी की आवाज़ और बांसुरी के टुकड़ों का प्रयोग है.
गीत की पंक्ति को ऐसे पढ़ा जाए तो ये शायद अच्छे से समझ आ जाए-
दिये की लौ मंदिर में.
गीत मजरूह सुल्तानपुरी का है और संगीत रोशन का. इसे हेमंत कुमार
और लता मंगेशकर ने गाया है. गीत का वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध नहीं
है इसलिए अधिक प्रकाश डाल पाना संभव नहीं है. बस इतना बताये देते
हैं कि ये गीत पार्श्व में बजता है.
गीत के बोल:
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा
के जैसे मंदिर में लौ दिये की
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा
के जैसे मंदिर में लौ दिये की
तुम अपने चरणों में रख लो मुझको
तुम्हारे चरणों का फूल हूँ मैं
मैं सर झुकाये खड़ी हूँ प्रीतम
के जैसे मंदिर में लौ दिये की
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा
के जैसे मंदिर में लौ दिये की
ये सच है जीना था पाप तुम बिन
ये पाप मैंने किया है अब तक
मगर है मन में छबि तुम्हारी
के जैसे मंदिर में लौ दिये की
फिर आग बिरहा की मत लगाना
के जल के मैं राख हो चुकी हूँ
ये राख माथे पे मैंने रख ली
के जैसे मंदिर में लौ दिये की
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Chhupa lo yun dil mein pyar mera-Mamta 1966
Artists: Ashok Kumar, Suchitra Sen
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