तुम मुझको भूल जाओ-बड़ी बहन १९४९
बड़ी बहन से. फिल्म से आप काफी गीत सुन चुके हैं. इतने
सुन लिए एक और सुन लीजिए.
फिल्म में सुरैया एक परिवार के यहाँ नौकरी करने पहुँचती
है उसके बाद उसकी रहमान से मुलाकात होती है. मामला
आगे बढ़ता है और उसी दौर में ये गीत आता है.
गीत है कमर जलालाबादी का और इसकी धुन तैयार की है
हुस्नलाल भगतराम ने. इसे सुरैया ने गाया है परदे पर और
उसके पीछे भी.
गीत के बोल:
तुम मुझको भूल जाओ तुम मुझको भूल जाओ
अब हम ना मिल सकेंगे अब हम ना मिल सकेंगे
डाली से फूल टूटे डाली से फूल टूटे
अब कैसे खिल सकेंगे अब कैसे खिल सकेंगे
तुम मुझको भूल जाओ तुम मुझको भूल जाओ
एक रोज तो चकोरी देखेगी चाँद प्यारा
एक रोज तो मिलेगा हर लहर को किनारा
हम देखते रहेंगे हम देखते रहेंगे
रो रो के ये कहेंगे
अब हम ना मिल सकेंगे अब हम ना मिल सकेंगे
तुम मुझको भूल जाओ तुम मुझको भूल जाओ
शहनाइयां बजेंगी और दुल्हनें सजेंगी
हाथों में मल के मेहँदी साजन के घर चलेंगी
हम देखते रहेंगे हम देखते रहेंगे
रो रो के ये कहेंगे
अब हम ना मिल सकेंगे अब हम ना मिल सकेंगे
तुम मुझको भूल जाओ तुम मुझको भूल जाओ
अब हम ना मिल सकेंगे अब हम ना मिल सकेंगे
तुम मुझको भूल जाओ तुम मुझको भूल जाओ
………………………………………………………………..
Tum mujhko bhool jao-Bade behan 1949
Artists: Suraiya, Rehman
0 comments:
Post a Comment